जालंधर (Ens): वातावरण प्रेमी और पदम श्री संत बलबीर सिंह सींचेवाल जो कि राज्य सभा के सदस्य है उन्हें आज सम्मानित किया गया। उनको पंजाब के दरियाओं के लिए निभाई गई निष्काम सेवा के लिए ‘पंजाब दे पानियां दे राखे नाम के पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उनको ह्यूमन राइट्स प्रेस क्ल्ब की ओर से दिया गया।
इस दौरान संत बलबीर सिंह सींचेवाल ने मॉडल टाउन में स्थित पार्क में तीन चंदन के पेड़ लगाए। यह पेड़ उन्होंने बूढ़े दरिया की सफाई, सतलुज की सफाई और काली बेई के 25 साल पूरे हो जाने के चलते समर्पित किए। इस मौके पर संस्था के प्रधान एडवोकेट सुकेत गुप्ता ने कहा कि संत बलबीर सिंह सींचेवाल की ओर से जो सेवा पंजाब के पानियों और वातावरण को बचाने के लिए की जा रही है वो सेवा यदि कोई आम व्यक्ति 100 जन्म भी ले ले तब भी नहीं कर सकता।
उनका कहना है कि ऐसे कामों के लिए अकालपूर्ख ऐसे संतों की ड्यूटी लगाकर भेजते हैं तो संतो की ओर से ही संभव हो सकता है। उन्होंने दुआ की कि परमेशवर उन सब की उम्र भी संत बलबीर सिंह सींचेवाल को दें ताकि यह सेवा निरंतर चलती रहे। इस मौके पर संस्था के व्यापार मंडल के चेयरमैन तरुण परुथी ने कहा कि निरंतर 25 सालों तक काली बेई को साथ सुथरा रखना और उसमें पड़ने वाले कई गांवों को गंदे पानी को बंद करने के लिए हर सरकार और लोगों से बात करके इसका हल निकालना किसी संत के द्वारा ही किया जा पाएगा।
आज के समय में कोई आम आदमी इस बारे में सोचता भी नहीं है। होशियारपुर से लेकर हरिके तक इतने बड़े क्षेत्र में संत सींचेवाल के प्रयास के चलते ही बई के साथ लगते हुए क्षेत्रों में जलस्तर ऊपर आया है वहीं पंजाब के ज्यादातर स्थानों में जल स्तर नीचे जा रहा है। इस मौके पर बोलते हुए संस्था के सरपरस्त बी.एन गुप्ता सीनियर प्रेस रिपोर्टर ने कहा कि लुधियाना का बूढ़ा दरिया कई दशकों से ऐसे ही गंदगी झेल रहा था।
इसमें कई जगहों से गंदा पानी पड़ रहा था और यही गंदा पानी आगे राजस्थान की ओर जाकर कैंसर नाम की भयानक बीमारी का रुप धारण कर रहा था लेकिन संत सींचेवाल के अथक प्रयत्नों के चलते आज बूढ़ा दरिया का रुप बदल गया है।
यह सब कुछ संत बलबीर सिंह सींचेवाल की 11 महीनों की निष्काम सेवा के कारण सफल हुआ है। संत बलबीर सिंह सींंचेवाल ने सम्मान के लिए संस्था के सभी सदस्यों का धन्यवाद किया और कहा कि वाहेगुरु जी ने उनकी सेवा लगाई है जिसे वो अपने तन-मन से पूरा करने में लगे हुए हैं।

