एसएसपी ने किए अहम खुलासे, बोले – लोगों का एक एक पैसा लौटाकर देंगे
लुधियानाः पंजाब व हरियाणा में जैविक खेती का लालच देकर बड़े पैमाने पर निवेशकों से पैसे इकट्ठा करने वाले गिरोह का खन्ना पुलिस ने खुलासा किया है। एसएसपी डॉ. ज्योति यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जनरेशन ऑफ फार्मिंग नामक फर्म ने भोले‑भाले निवेशकों को प्रतिमाह 8 फीसदी रिटर्न देने का वादा करके कुल 23,249 व्यक्तियों से लगभग 170.57 करोड़ रुपए जमा करवा लिए। फर्म ने निवेशकों को आश्वस्त किया था कि 25 महीनों में उनका निवेश दोगुना हो जाएगा, लेकिन वास्तविकता में यह एक सुनियोजित धोखाधड़ी निकली।
पुलिस के अनुसार फर्म के मालिकों/प्रतिनिधियों ने और्गेनिक उत्पादन, वर्मी कम्पोस्ट आपूर्ति व बागवानी परियोजनाओं के नाम पर लोगों को लुभाया। जांच में यह पाया गया कि निवेशकों के धन का उपयोग निजी संपत्ति खरीदने, खातों में घुमाने और फुटकर लाभ के लिए किया गया। आरोपियों ने कई रजिस्टर्ड और गैर‑रजिस्टर्ड कंपनियों के माध्यम से जाल फैलाया और रुचि दिखाने वाले जनता को सोशल मीडिया व स्थानीय सभाओं के जरिये भी भरोसा दिलाया। जांच की गम्भीरता को देखते हुए थाना समराला में मुकदमों संख्या 247/2025, 248/2025 और 268/2025 दर्ज किए गए हैं — जिनमें धारा 318(4), 316(2), 338, 336(3), 340(2), 61(2), 111 और 238 शामिल हैं।
एसएसपी ने कहा कि यह केवल आर्थिक धोखाधड़ी ही नहीं, बल्कि संगीन अपराधों से जुड़ा मामला है और जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। तफ्तीश के दौरान पुलिस ने फर्म के कार्यालयों से महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर‑हार्डवेयर बरामद किए जिनमें लैपटॉप, मॉनिटर, कीबोर्ड, सीपीयू व मोबाइल फोन और फर्म से जुड़ी 9 अन्य संस्थाओं के रिकॉर्ड रजिस्ट्रार ऑफ फर्म व रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज शामिल हैं। जांच में कुल 44 बैंक खातों (21 फर्म खाते व 23 निजी खाते) को फ्रीज करवाकर रकम रु. 1,15,52,062.01 जब्त करवाई गई है। जांच में यह भी सामने आया कि फर्म और संबंधित कंपनियों ने खातों के खुलवाने हेतु अपने प्रतिनिधियों के नामों पर आवासीय स्थानों का प्रयोग किया तथा उद्यम प्रमाणपत्रों का दुरुपयोग कर करारनामा/दस्तावेजों के आधार पर कई खाता‑खोलवाए गए। पुलिस ने 6 बेनाम संपत्तियों का सत्यापन कर लिया है; आवश्यक कानूनी कार्रवाई कर के इन्हें भी फ्रीज़ करवाया जाएगा।एसएसपी ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से पीड़ितों को जांच में भाग लेने के लिए प्रेरित किया गया और एसआईटी पीड़ितों के बयानों को दर्ज कर रही है।
उन्होंने कहा, “हम हर पीड़ित तक पहुँच कर उनका सहयोग सुनिश्चित कर रहे हैं — धन की वसूली और दोषियों पर सख्त कानूनी कार्यवाही प्राथमिकता है।”अभी तक की प्रारम्भिक पड़ताल में फर्म की कुल देनदारी 55.08 करोड़ से अधिक बताई जा रही है। पुलिस का कहना है कि अभी भी कई नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए रेड और छापेमारी जारी हैं और जल्दी और आरोपियों की सूची लम्बी होने की संभावना है। अधिकारियों ने निवेशकों से अनुरोध किया है कि वे किसी भी अनजान स्कीम में तुरंत पैसा न लगाएं, किसी भी वादे को लिखित रूप में मांगें और संदिग्ध लेन‑देन की सूचना स्थानीय पुलिस को दें। एसएसपी ने यह भी चेतावनी दी कि जो भी संस्थाएं वास्तविक व्यापार का बहाना कर लोगों को लुभाएंगी, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।