नई दिल्लीः शुभांशु शुक्ला सहित 4 एस्ट्रोनॉट 18 दिन अंतरिक्ष में रहने के बाद आज पृथ्वी पर लौट रहे हैं। करीब 23 घंटे के सफर के बाद उनका ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट दोपहर 3 बजे कैलिफोर्निया के तट पर स्प्लैशडाउन होगा। रीएंट्री के वक्त उनके स्पेसक्राफ्ट का तापमान करीब 2,500°C तक पहुंच जाएगा।
चारों एस्ट्रोनॉट एक दिन पहले 14 जुलाई को शाम 4:45 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से पृथ्वी के लिए रवाना हुए थे। ये एस्ट्रोनॉट 26 जून को भारतीय समय के अनुसार शाम 4:01 बजे ISS पहुंचे थे। एक्सियम मिशन 4 के तहत 25 जून को दोपहर करीब 12 बजे ये रवाना हुए थे। स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से जुड़े ड्रैगन कैप्सूल में इन्होंने कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरी थी। ये मिशन तकनीकी खराबी और मौसमी दिक्कतों के कारण 6 बार टाला गया था।
अंतरिक्ष में 18 दिन बिता चुके शुभांशु शुक्ला ने वहां हर दिन 16 सूर्योदय और सूर्यास्त देखे क्योंकि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पृथ्वी से करीब 400 किलोमीटर ऊपर की कक्षा में 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से घूमता है।
ऐसे होता है डी-ऑर्बिट बर्न
जब कोई अंतरिक्ष यान पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा होता है और उसे वापस धरती पर लाना होता है, तो उसकी गति को कम करना आवश्यक होता है ताकि वह कक्षा से बाहर निकलकर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर सके। इसी गति को कम करने के लिए अंतरिक्ष यान के थ्रस्टर्स (छोटे इंजन) को एक निश्चित समय और दिशा में दागा जाता है। इस प्रक्रिया को ही ‘डी-ऑर्बिट बर्न’ कहते हैं।