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पीड़ित मानवता के सेवा पथ पर अग्रसर रेडक्रॉस सोसाइटी ऊना

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डेढ़ साल में उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, दिव्यांग सशक्तिकरण और आपदा राहत में एक करोड़ से अधिक की मदद

ऊना/सुशील पंडित: जिला रेडक्रॉस सोसाइटी ऊना ने बीते डेढ़ साल में सामाजिक सेवा की एक नई इबारत लिखी है। संस्था ने जरूरतमंदों की शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, दिव्यांग सशक्तिकरण और आपदा राहत समेत हर मोर्चे पर मदद के साथ मानवीय सेवा का अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है।

अपने 860 से अधिक आजीवन सदस्यों और 13 पैट्रन सदस्यों के योगदान तथा बड़े पैमाने पर जिलावासियों के सहयोग से रेडक्रॉस सोसाइटी ऊना ने न केवल जरूरतमंदों को वित्तीय सहायता प्रदान की, बल्कि समाज कल्याण और उत्थान में अग्रणी भूमिका निभाई। इसके साथ ही, संस्था नशे के शिकार युवाओं को सही राह पर लाने में भी सक्रिय भूमिका निभा रही है।

जरूरमंदों के लिए आर्थिक संबल बना जिला रेडक्रॉस सोसाईटी ऊना

जिला रेडक्रॉस सोसाइटी ऊना के सचिव और क्रेडिट प्लानिंग अधिकारी संजय सांख्यान बताते हैं कि संस्था जिला के अनेक जरूरमंद परिवारों के लिए आर्थिक संबल बनी है। बीते डेढ़ साल में संस्था ने 115 व्यक्तियों को इलाज, शिक्षा, खेल समेत अन्य जरूरी सामग्री के लिए लगभग 30 लाख की आर्थिक मदद दी है। यह मदद सरकार की हिमकेयर या सहारा योजनाओं से वंचित गरीब परिवारों को दी गई। इसके साथ ही 41 छात्राओं की उच्च शिक्षा पर लगभग 8 लाख और पात्र गरीब परिवारों की 169 लड़कियों की शादी करवाने के लिए लगभग 36 लाख रुपये की आर्थिक मदद प्रदान की जा चुकी है।

दिव्यांगों के सशक्तिकरण की दिशा में ठोस प्रयास

जिला रेड क्रॉस संस्था की ओर से दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा के लिए समय-समय पर भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) के संयुक्त तत्वावधान में मूल्यांकन शिविर भी लगाए जा रहे हैं ताकि दिव्यांगजन सुगमता और सम्मानपूर्वक अपना जीवनयापन कर सकें। उन्होंने बताया कि जिला के उपमंडल ऊना, हरोली, अम्ब, बंगाणा और गगरेट में आयोजित किए गए मूल्यांकन शिविरों 155 दिव्यांगजनों को उनकी विकलांगता मूल्यांकन के आधार पर कुल 25.50 लाख रूपये की मोटरराइज्ड ट्राईसाइकिलें, व्हील चेयर, कृत्रिम अंग और अन्य सहायता उपकरण वितरित किए गए। इसके साथ ही दिव्यांग व्यक्तियों के स्वावलम्बन के लिए उपायुक्त कार्यालय परिसर में कैंटीन बनाई गई है जिसमें 5 दिव्यांगों को स्वरोजगार के माध्यम से स्वावलम्बी बनाया गया है। कैंटीन की मरम्मत के लिए खण्ड विकास अधिकारी के माध्यम से एक लाख रुपये उपलब्ध करवाए गए।

सामर्थ्य कार्यक्रम बना लोगों के लिए उम्मीद की किरण

‘सामर्थ्य’ उपायुक्त ऊना जतिन लाल की परिकल्पना से जन्मा एक नवाचारी कार्यक्रम है, जिसे प्रशासन द्वारा जिला रेड क्रॉस सोसायटी के माध्यम से औद्योगिक इकाइयों के सहयोग से कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य जरूरतमंद छात्राओं और महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल और आर्थिक आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में समर्थन देना है।

इस कार्यक्रम के अंतर्गत ऊना जिले की उन छात्राओं को आर्थिक सहायता दी जाती है, जिनके पिता जीवित नहीं हैं या जो शारीरिक रूप से अक्षम (पूर्व में 60 प्रतिशत, अब 40 प्रतिशत) हैं। पात्र छात्राओं को उच्च शिक्षा, प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग, मेडिकल शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए 25 हजार से लेकर 2 लाख रुपये तक की सहायता दी जाती है।  इसमें 12वीं के बाद किसी भी डिग्री, डिप्लोमा या अन्य कोई व्यवसायिक कोर्स के लिए आर्थिक मदद के अलावा यूपीएससी, नीट, आर्मी जैसी परीक्षाओं की कोचिंग के लिए भी वित्तीय सहयोग प्रदान किया जाता है।

इस कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण की दृष्टि से महिलाओं के लिए सिलाई, डिजिटल लिटरेसी, स्वयं सहायता समूह, महिला उद्यमिता को प्रोत्साहन देने का भी प्रावधन किया गया है। वहीं समाज जागरूक करने के मकसद से स्वास्थ्य शिविर, रक्तदान अभियान और नशा मुक्ति अभियान भी इस कार्यक्रम के अंतर्गत चलाए जा रहे हैं।

साथ ही जिला पुस्तकालय ऊना में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए किताबें व कम्प्यूटर, पिंटर व बाई-फाई की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए लभग 1.20 लाख रूपये व्यय किए गए हैं। स्वामी विवेकानंद पुस्तकालय हरोली में बच्चों को सुविधा युक्त वातावरण देने के लिए एयर कंडिशनर की सुविधा प्रदान की गई है ताकि बच्चों को अच्छा वातारण मिल सके। इसके अलावा विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं जिनमें प्रेम आश्रम और आश्रय परोधा को मूक बधिर बच्चों की पढ़ाई और वृद्धजनों की देखभाल के लिए 21-21 हजार रुपये प्रोत्साहन स्वरूप दिए गए।

आपदा राहत और समाजसेवा कार्यों में अग्रणी भूमिका

सांख्यान ने बताया कि जिला रेडक्रॉस सोसाइटी ऊना आपदा पीड़ितों और समाजसेवियों को सहायता तथा सम्मान देने में भी अग्रणी भूमिका निभा रही है। संस्था द्वारा हाल ही में मंडी में आई आपदा में प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए लगभग 2 लाख की सामग्री भेजी गई। ऊना जिला के बसाल और मवा कहोलां में झुग्गियों में लगी आग के कारण बेघर हुए प्रवासी मजदूरों को 121 ई.पी.ई. शीटस तथा बच्चों को खाने-पीने का सामान वितरित किया गया। के मैड़ी मेले में आने-जाने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इस उद्देश्य से तैनात 19 आपदा मित्रों व एनसीसी कैडट्स को 80,625 रुपये की राशि उपलब्ध करवाई गई। इसके साथ ही मिनी सचिवालय ऊना के भूतल पर व्हील चेयर की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है ताकि सचिवालय में काम के लिए आने वाले वृद्ध और दिव्यांगजनों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। संस्था के माध्यम से जिला में सफाई करने वाले साथियों सहित अन्य जरूरतमंद 120 व्यक्तियों को कम्बल, बर्तन व हाईजिन किटें प्रदान की जा चुकी हैं। इसके अलावा नशामुक्त अभियान के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए विद्यार्थी समाज सेवा सभा तथा गुंजन संस्था का सहयोग लिया गया।

सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद पर मिलेगा 25 हज़ार का पुरस्कार

उपायुक्त की पहल पर जिला प्रशासन ने एक और प्रेरणादायी कदम उठाया है। इसके तहत अब सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मदद करने वाले व्यक्ति को 25 हज़ार रुपये नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार रेडक्रॉस सोसाइटी के माध्यम से दिया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य लोगों को दुर्घटनाओं में घायलों की तुरंत सहायता के लिए प्रोत्साहित करना है, ताकि समय पर उपचार मिलने से अधिक से अधिक अमूल्य जीवन बचाए जा सकें।

मेधावियों को प्रोत्साहन

उन्होंने बताया कि रेड क्रॉस संस्था ऊना द्वारा 10वीं और 12वीं कक्षा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले बच्चों को प्रोत्साहित करने के प्रयास किए गए हैं। बीते अकादमिक सत्र में स्टेट मेरिट में रहे जिले के सरकारी स्कूलों के 4 बच्चों को प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित किया गया।

उपायुक्त बोले…समावेशी सेवा का प्रतीक है जिला रेडक्रॉस सोसाइटी

जिला रेडक्रॉस सोसाइटी ऊना के अध्यक्ष एवं उपायुक्त जतिन लाल ने कहा कि जिला रेड क्रॉस संस्था प्रत्येक वर्ग की जरूरतों को बिना भेदभाव पूरा करने का कार्य कर रही है।उन्होंने लोगों से अपील की कि वे संस्था से जुड़ें, इसकी सामाजिक गतिविधियों में सहयोगी बनें और जरूरतमंद लोगों को लेकर सेवा कार्यों के लिए उदारतापूर्वक दान दें।

वे बताते हैं कि रेडक्रॉस के जरिए प्राकृतिक आपदा, बीमारी, विकलांगता, गरीबी और सामाजिक उपेक्षा से पीड़ित लोगों के जीवन को संबल देने प्रतिबद्धता से कार्य किया जा रहा है। संस्था की ओर से पर्यावरण संरक्षण के मद्देनज़र फलदार पौधों का वितरण और युवाओं को रक्तदान करने के लिए जिला स्तर पर रक्तदान शिविर भी आयोजित किए जाते हैं ताकि आवश्यकता होने पर बहुमूल्य जिंदगियां बचाई जा सके।

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