चंडीगढ़ : पंजाब के साथ-साथ चंडीगढ़ में हवा की गुणवत्ता लगातार गिरती जा रही है। हालात ये हैं कि राजधानी में हवा विश्व सेहत संगठन के मानकों से 6 गुणा से अधिक प्रदूषित है। पंजाब में बढ़ते वायु प्रदूषण ने राज्य के कई शहरों को बुरी तरह प्रभावित किया है। औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के आंकड़े बताते हैं कि राज्य के प्रमुख शहरों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति तक पहुंच चुका है। प्रदूषण के स्तर को देखते हुए हालात चिंताजनक बने हुए हैं। राज्य में 23 जिलों में प्रदूषण का स्तर जांचने के लिए 8 केंद्र अमृतसर, बठिंडा, जालंधर, खन्ना, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, पटियाला और रूपनगर में बने हुए हैं। इन 8 केंद्रों में से 5 में एक्यूआई 200 पार है, जबकि तीन केंद्रों का एक्यूआई 140 से 179 के बीच है।
सरहदी इलाकों में धुंध का असर देखने को मिला, जहां विजिबिलिटी शून्य पहुंच गई है। जिससे इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर भी असर हुआ है। चंडीगढ़ लगातार रेड जोन में चल रहा है। जबकि पंजाब के अमृतसर में हवा का गुणवत्ता 200 के पार बनी हुई है और ओरेंज जोन में है। विजिबिलिटी का असर इंटरनेशनल और डोमेस्टिक फ्लाइट्स दोनों पर पड़ा है। दुबई से आ रही फ्लाइट स्पाइस जेट की एसजी-56 को सुबह 7.40 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड होना था।
लेकिन उसे दिल्ली डायवर्ट कर दिया गया। इससे पहले सुबह 5.20 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड होने के लिए निकली पूणे-अमृतसर इंडिगो फ्लाइट संख्या 6E721 को दिल्ली डायवर्ट करना पड़ा। दरअसल अमृतसर में विजिबिलिटी शून्य पहुंच गई है। जिसके चलते फ्लाइट को लैंड करने की अनुमति नहीं दी गई। फ्लाइट ने शहर के तीन चक्कर लगाए। अंत में उसे दिल्ली डायवर्ट कर दिया गया है। वहीं कम विजिबिलिटी के चलते अधिकतम फ्लाइट्स पर इसका असर हो रहा है।