अमृतसरः जिले में नौजवान ने पुलिस में भर्ती को लेकर चौकाने वाले खुलासे किए है। दरअसल, प्रेस वार्ता के जरिए नौजवान ने पुलिस प्रशासन और सरकार पर सवाल उठाए है। नौजवान का आरोप है कि 45 लाख रुपए देकर उसने पंजाब पुलिस में नौकरी ली और कुछ दिनों के बाद उसकी वर्दी और सरकारी पिस्तौल वापिस ले लिया गया। इस बात का खुलासा नौजवान ने समाज सेवी पवन के साथ प्रेस वार्ता के दौरान किया है। वहीं पवन कुमार ने बताया कि गुरदयाल सिंह पूर्व सैनिक हैं और जब वह सेना से रिटायर हुए थे तो एक युवक ने खुद को चरणजीत चन्नी का रिश्तेदार बताकर उनसे पैसे ठग लिए और उनकी वर्दी के साथ-साथ एक सरकारी पिस्तौल और सरकारी कार भी दे दी थी।
उन्होंने कहा कि अब वह एक कांस्टेबल है और भविष्य में भी उसे एक स्टार दिया जाएगा। इस मामले में आरोपी की तस्वीरें डीजीपी और मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ थीं। पूर्व सैनिक ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खरड़ स्थित घर पर दो बार बैठक हुई। आरोप है कि इस मामले में रविंदर सिंह, रॉबिन शिवम राणा, दलजीत सिंह, कमलशील कोर जो खुद को चरणजीत चन्नी का रिश्तेदार बताते हैं और सहोता डीजीपी को रिश्तेदार बता रहे हैं उनके साथ एक महिला पर भी मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में आरोपी दलजीत सिंह की पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी के साथ तस्वीर भी सामने आई है।
डीजीपी और सीएम कार्यालय का पास भी सामने आ गया है। पीड़िता को डीजीपी कार्यालय से कई पत्र भी भेजे गए हैं और एक ट्रस्ट भी बनाया गया है। पूर्व सैनिक ने कहा कि मेरा पंजाब पुलिस का आधिकारिक कार्ड बनाया गया था और कहा कि मुझे सब-इंस्पेक्टर के रूप में भर्ती करने के लिए कहा गया था लेकिन मुझे कांस्टेबल बना दिया गया और कहा गया कि जल्द ही उसे सब इंस्पेक्टर बना दिया जायेगा। पीड़िता ने बताया कि इस मामले में पंजाब पुलिस के नाम पर भर्ती के नाम पर अमन स्कोडा नाम का शख्स भी पकड़ा गया है। लेकिन जिन चार आरोपियों के नाम पर एफआईआर दर्ज की गई, उनमें से किसी की भी इस मामले में गिरफ्तारी नहीं हुई है। पूर्व सैनिक गुरदयाल सिंह ने पंजाब सरकार से न्याय की मांग की है।