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पंजाब: सिविल अस्पताल में चूहों की चली पार्टी, मरीजों ने जागकर काटी रात, देखें वीडियो

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लुधियानाः सिविल अस्पताल में चूहों का आंतक देखा गया। वहीं जच्चा-बच्चा की बिल्डिंग में देर रात चूहों की पार्टी देखने को मिली। इस दौरान जब वहां पर मरीजों से बात की गई तो उनका कहना है कि चूहों की यह पार्टी रोजाना देखने को मिलती है। मरीजों ने कहा कि चूहे उनके बेड तक चूहे कूद रहते है। ऐसे में उन्हें पूरी-पूरी रात जाग कर बीतानी पड़ रही है। यहीं नहीं चूहे मरीजों के लिए घर से आया पोष्टिक खा जाते है। इसकी वीडियो भी सामने आई है। जिसमें देखा जा सकता है कि भारी मात्रा में चूहे मुंह मार रहे है। मरीजों के रिश्तेदार द्वारा जो बर्तन अस्पताल में लाए जाते है उन बर्तनों को चूहे खींच कर ले जाते है। वीडियो सामने आई है जिसमें चूहे एक थाली में पड़ा खाना खा रहे है।

चूहों की संख्या करीब 10 से 15 होगी। मरीजों से बातचीत करने चाही तो अस्पताल के सुपरवाइजर परमजीत ने पत्रकारों के साथ बदतमीजी की और कवरेज रोकने की कोशिश की। जानकारी देते हुए मरीज रीतू ने कहा कि उनका बच्चा नवजात है। आपरेशन होने के बाद उनके बच्चा हुआ है। उन्हें जिस वार्ड में रखा गया है वहां बड़ी संख्या में रात को चूहें हड़कंप मचाते है। हालात इतने बदतर है कि चूहे मरीजों के बिस्तर तक चढ़ जाते है। इन हालातों में सिविल अस्पताल में रहना बहुत मुश्किल है। नवजात बच्चों को इन्फेक्शन का बहुत डर होता है लेकिन अस्पताल में रात के समय चूहों की संख्या 60 से 80 तक पहुंच जाती है। बिल्डिंग में बड़े-बड़े गड्ढे है जिस कारण ये चूहें रात को उत्पात मचाते है। बीते रात उसने नर्सों से कहकर अपना वार्ड बदलवाया। 

मरीज सुषमा ने कहा कि वह मूलरुप से इलाबाद की रहने वाली है। लुधियाना में वह ढंडारी इलाके में रहती है। रात के समय चूहें इतना अधिक परेशान करते है कि कई बार तो कंबल तक खींच लेते है। कई बार तो नवजात बच्चों की सुरक्षा के लिए पूरी-पूरी रात जाग कर काटनी पड़ती है। अस्पताल के हालात इतने बदतर है कि दिन के समय कबूतर वार्डों में उड़ते है। खाना या पानी की बोतल भी रखते है तो चूहे उसे भी मुंह मार देते है। मरीजों की ट्रालियों में चूहों की शौच आम देखी जा सकती है। मरीज के रिश्तेदार हरकेश ने कहा कि रात को चूहें गड्ढों से बाहर आते है। कई बार चूहों को भगाते है लेकिन कुछ देर बाद फिर से चूहों की फौज मरीजों के बिस्तरों पर हमला कर देती है।

राजा राम ने कहा कि उसकी पत्नी अस्पताल में दाखिल है। रात के समय कोई भी नर्स तक आकर चूहों के भगाने के लिए कोई दवा या पिंजरा नहीं लगाती। रात को जमीन पर सो रहे मरीजों के रिश्तेदारों तक को चूहें काट लेते है। सीनियर मैडिकल अफसर दीपिका गोयल ने कहा कि चूहें है। अस्पताल की तरफ से पहले स्टिकी मेट और मैडिसन आदि डाली जाती थी। अब पीएयू के जोएलोजी विभाग के साथ बातचीत की गई है। चूहों के लिए मैडिसन डाली जा रही है। सीनियर अधिकारियों के भी ध्यान में ये मामला आया हुआ है।
18 मार्च को पहले भी पीएयू के साथ सर्वे किया था।

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