अमृतसर: अक्सर विवादों में रहने वाले पास्टर अंकुर नरूला को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। हाल ही में अंकुर नरूला द्वारा धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले में विवादित बयान दिया गया था। जिसको लेकर आज सनातन और सिख धर्म के लोग एकजुट हो गए और उन्होंने प्रेस वार्ता करके पास्टर अकुंर नरूला के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इस मामले में दोनों धर्म के लोगों ने कहा कि इस मामले को लेकर उन्होंने जिला प्रशासन को मांग पत्र दिया है और इस मामले में दखल देने की अपील की है। मामले की जानकारी देते हुए उदासीन टकसाल संस्था के मुखी गुरप्रीत सिंह कैलिफोर्नियां, महंत अरूण गिरी, नामधारी संप्रदाय के प्रीतपाल सिंह और अन्य संगठनों के नेताओं ने कहा कि वे धर्मांतरण और पाखंडवाद को रोकना चाहते हैं।
इसी के चलते उन्होंने एक मांग पत्र जिला प्रशासन के नाम लिखा गया है। जिसमें धार्मिक संकट पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा गया है कि तथाकथित पास्टरों द्वारा लोगों को चमत्कारी झूठे उपदेशों के जरिए बेवकूफ बना कर धर्म का प्रचार किया जा रहा है और लोग बड़ी संख्या में हिंदू धर्म और सिख धर्म छोड़कर ईसाई धर्म में शामिल हो रहे हैं। जिसका वह विरोध तो नहीं करते है, लेकिन तथाकथित पास्टर उपदेश देकर लोगों को डराते हैं और हमारे गुरुओं को शैतान की संगति में माथा टेकने और प्रसाद खाने से इनकार करते हुए इसे पाप बताया जाता है।
उन्होंने कहा कि इससे हमारी धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं और अब पास्टर अंकुर नरूला ने लोगों को करसेड शब्द बारे लोगों को धार्मिक जंग छेड़ने के लिए उकसाया है जो मानवता के लिए हानिकारक है और सरकार और प्रशासन ऐसे तथाकथित पास्टरों के बारे में चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे धार्मिक संकट के समय संतों के सहारे सरकार को जगाने की कोशिश उनके द्वारा की जा रही हैं, उन्होंने कहा कि अगर सरकार नहीं जागी तो इसके परिणाम हैरानजनक होंगे। बता दें कि पहली बार नहीं है कि पास्टर अंकुर नरूला विवादों में घिरे हो, पास्टर अंकुर नरूला पर पहले भी कई बार गंभीर आरोप लग चुके है और इससे पहले भी वह कई बार विवादों में घिर चुके है।
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