लुधियानाः उपभोक्ता फोरम के आदेश के बावजूद टोल प्लाजा कंपनी ने पीड़ित को 50 हजार रुपये का मुआवजा नहीं दिया है। इस पर उपभोक्ता फोरम ने जालंधर-लुधियाना के बीच जीटी रोड पर स्थित लाडोवाल टोल प्लाजा की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में किचलू नगर निवासी समिता जिंदल अपनी कार में अंबाला से लुधियाना आ रही थीं। खन्ना के पास सड़क पर गड्ढों के कारण समिता की कार का टायर फट गया, उन्हें पूरे रास्ते परेशानी उठानी पड़ी थी। जिसके बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत उपभोक्ता फोरम में की थी।
वकील हरिओम का कहना है कि फोरम में दलील दी गई कि जब हम टोल टैक्स देते हैं तो यह मामला उपभोक्ता की श्रेणी में आता है। लोग टोल टैक्स इसलिए देते हैं ताकि उन्हें सड़कें ठीक से मिल सकें लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हो सका। उन्होंने उपभोक्ता फोरम में सबूत के तौर पर टोल टैक्स की रसीदें भी जमा कीं। सुनवाई के दौरान फोरम ने माना कि यह मामला उपभोक्ता की श्रेणी में आता है। 6 साल तक सुनवाई के बाद 2022 में फोरम ने टोल कंपनी को पीड़ित को 50 हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया था। इस मामले में हर्जाना भरने के लिए 30 दिन का समय दिया गया था।
उधर, टोल कंपनी ने फोरम के आदेश की अवहेलना की। 5 माह पहले उन्होंने फोरम के आदेशों को लागू कराने के लिए केस दायर किया था। फोरम ने कंपनी को कई बार नोटिस जारी किया लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया। आखिरकार फोरम ने लाडोवाल टोल प्लाजा की संपत्ति कुर्क करने का आदेश देते हुए बैलफ (जमानतदार) (अपराधी को पकड़ने और संपत्ति कुर्क करने वाला कर्मचारी) नियुक्त किया है।
बताया जा रहा हैकि वीरवार को संपत्ति कुर्क करने के लिए बैलफ टोल प्लाजा पहुंचे थे। कहा जा रहा है कि इस दौरान टोल प्लाजा कर्मियों ने मौके पर पुलिस बुला ली, लेकिन उपभोक्ता फोरम का आदेश देख पुलिस टीम वापस चली गई। वहां टोल प्लाजा कर्मियों ने जमानतदार को संपत्ति कुर्क करने की अनुमति नहीं दी। कहा जा रहा है कि बैलफ घटना की रिपोर्ट उपभोक्ता फोरम को देगा। इस रिपोर्ट के आधार पर टोल प्लाजा संचालकों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है।