1971 के युद्ध में भी सेना की मदद कर चुका है यह गांव
गुरदासपुरः जिले के सीमा के पास बसे गांवों में भारत-पाकिस्तान के बीच बने तनावपूर्ण माहौल का कोई असर नहीं है। लोगों का कहना है कि अगर युद्ध होता है तो वह गांव छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। वहीं भारतीय सेना के साथ खड़े रहेंगे और उनकी मिलकर मदद करेंगे। लोगों का कहना है कि हम डरेंगे नहीं और ना ही गांव को छोड़ेंगे। इस मौके पर सीमा के पास बसे ठाकुरपुर, चिट्टी चोतरा, सलाच आदि गांवों के लोग और एक बुजुर्ग सरवन सिंह ने कहा कि जब 1971 में युद्ध हुआ था तब भी हमारे गांव पर टैंक आ गए थे और हमने पूरी सेना की मदद की थी, और अगर जरूरत पड़ी तो अब भी करेंगे।
इसी तरह ज़ीरो लाइन के खेतों में काम करते किसान हरदेव सिंह, जागीर सिंह, सुरजीत सिंह आदि ने कहा कि हमें कोई परेशानी नहीं है। देश में भले ही युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई हो, लेकिन हम अपने रोज़ाना के काम उसी तरह कर रहे हैं जैसे पहले करते थे। उन्होंने कहा कि अगर युद्ध होता है तो हम भारतीय सेना की पूरी मदद करेंगे और अपने ट्रैक्टर-ट्रालियों से सेना का सामान लाने में मदद करेंगे। देश की सेवा के लिए हम हमेशा तैयार हैं। बाकी सीमा के गांवों में अभी तक कोई युद्ध जैसा माहौल नहीं है।