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Punjab News: High Court पहुंचा पानी का विवाद, Advocate ने भाखड़ा डैम को लेकर की ये मांग

चंडीगढ़: हरियाणा में पानी की गंभीर समस्या को देखते हुए हरियाणा-पंजाब के बीच भाखड़ा से पानी छोड़ने को लेकर विवाद के कारण पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। पंचकूला के वकील और हरियाणा के पूर्व अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल आरएस ढुल द्वारा दाखिल की गई याचिका में कोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की गई है। हरियाणा के एडवोकेट रविंद्र सिंह ढुल ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर भाखड़ा डैम से पुलिस हटाने की मांग की है। एडवोकेट ने भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड और पंजाब सरकार को पार्टी बनाया है।

याचिका में कहा गया है कि इन स्थानों पर पुलिस बल की उपस्थिति के कारण भाखड़ा नहर में पानी का प्रवाह रुक गया है, जिससे हरियाणा के हजारों किसान और आम नागरिक प्रभावित हो रहे हैं। याचिका में बताया गया है कि पंजाब सरकार ने भाखड़ा नहर के पानी में 5000 क्यूसेक की कटौती कर दी है, जिससे हरियाणा में जल संकट और बढ़ गया है। हरियाणा को पहले 9000 क्यूसेक पानी दिया जा रहा था, लेकिन अब केवल 4000 क्यूसेक ही मिल रहा है, जिससे प्रदेश के 7 जिलों में लोगों को पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

भाखड़ा नहर से पानी कम मिलने के कारण हरियाणा के अंबाला, कैथल, कुरुक्षेत्र, जींद, फतेहाबाद, हिसार और सिरसा में जल संकट गहरा रहा है। इसके साथ ही लोगों को पीने के पानी की समस्या का भी सामना करना पड़ रहा है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि पंजाब सरकार गैरकानूनी तरीके से बल प्रयोग कर पानी के प्रवाह को रोक रही है, जो न केवल असंवैधानिक है बल्कि हरियाणा के नागरिकों के मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन है। याचिका में किसी भी प्रकार की गैरकानूनी और बलपूर्वक पानी के प्रवाह को रोकने पर तुरंत रोक लगाने की मांग की गई है।

याचिका में यह भी स्पष्ट किया गया है कि भाखड़ा-ब्यास प्रबंधन बोर्ड पहले ही यह निर्णय ले चुका है कि भाखड़ा नहर में 8500 क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा ताकि हरियाणा को उसकी जरूरत के अनुसार पानी की आपूर्ति की जा सके। लेकिन पंजाब सरकार इस फैसले को लागू नहीं कर रही है, जिससे हरियाणा में जल संकट और गहरा रहा है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से यह भी अपील की है कि यदि वह आवश्यक समझे तो मामले की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कोई अन्य आवश्यक आदेश या निर्देश भी जारी करें, ताकि न्याय सुनिश्चित किया जा सके। याचिका में बीबीएमबी, पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार को प्रतिवादी बनाया गया है। यह याचिका हाल ही में हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में दाखिल की गई है, जिसकी अगली सुनवाई अगले सप्ताह होने की संभावना है।

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