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Punjab News: MP Amritpal Singh की नई पार्टी को लेकर Simarjeet Mann और Sukhbir Badal में छिड़ी जुबानी जंग

श्री मुक्तसर साहिब: 2 साल से असम के डिब्रुगढ़ जेल में खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह की पार्टी का आज एलान हो गया है। अलगाववादी सांसद अमृतपाल सिंह के पिता ने नई पार्टी का नाम ‘अकाली दल वारिस पंजाब दे’ रखा गया है। दूसरी ओर अकाली दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद सुखबीर सिंह बादल पहली बार माघी सम्मेलन में गरजे। उन्होंने अमृतपाल गुट का नाम लिए बिना कहा कि वह अकाल तख्त के आगे नहीं झुकते, लेकिन एजेंसियों के आगे झुकते हैं।

उन्होंने कहा कि पहले बादल साहब पर हमले होते थे, अब मुझ पर हो रहे हैं। पंथ विरोधी पार्टियों का एकमात्र निशाना प्रकाश सिंह बादल थे, लेकिन अब मुझे निशाना बनाया जा रहा है। आज पंजाब को ख़त्म करने वाली ताकतें इकट्ठी हो रही हैं। मेरे खिलाफ हर घिनौनी हरकत करने की कोशिश की गई, यहां तक ​​कि मुझे मारने की भी कोशिश की गई। इन ताकतों का एकमात्र निशान बादल परिवार है। ये चाहते हैं कि बादल का नाम खत्म हो जाए और अकाली दल का नाम खत्म हो जाए। पिछले 6 महीने से एजेंसियों ने ​​मेरे खिलाफ जमकर प्रचार किया।

वहीं दूसरी ओर श्री मुक्तसर साहिब में राजनीतिक सम्मेलन में सिमरनजीत सिंह मान ने कहा है कि बुलबुले तो दिन-ब-दिन बनते रहते हैं। कहते हमने नई पार्टी बनानीं। जिसने भी पार्टी बनानी है वो खालिस्तान की बात करें, ऐसे नहीं पार्टियां चलती। मान ने कहा कि जैसे बारिश में मेंढक निकलते हैं, ऐसे ही ये नई पार्टियां निकलती हैं, हम चाहते हैं कि कोई भी पार्टी उभरे जो खालिस्तान के बारे में बात करे। सरबजीत खालसा की पार्टी को लेकर मान ने कहा है कि पार्टी में बारूद होना चाहिए और संत जरनैल सिंह की कुर्बानी का जिक्र होना चाहिए। बारिश में मेंढक बाहर आ जाते हैं इसलिए मेंढकों को बाहर निकालने का कोई फायदा नहीं है।

मान ने कहा है कि सुखबीर बादल से झूठ बोलता है, लोगों को गुमराह करता है, 10 साल तक राज किया, महाराज के स्वरूप गायब कर दिए, 2 सिंहों को शहीद कर दिया, कोटकपुरा गोलीकांड को अंजाम दिया, सुमेध सैनी को डीजीपी बनाया। उन्होंने कहा है कि सुखबीर सिंह ने बहुत बुरे काम सीखे, लेकिन उसके मुंह से एक बार भी सिखी के लिए कुछ भी नहीं निकला। उन्होंने कहा है कि हम शिरोमणि कमेटी का चुनाव मिलकर लड़ेंगे। शिरोमणि कमेटी को इसे पुनर्जीवित करने के लिए काम करना चाहिए।

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