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Punjab News: बाढ़ में घिरे सीमा-पार के गांववासी, 2 गर्भवती महिलाओं के लिए फरिश्ता बना स्वास्थ विभाग, देखें वीडियो

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फिरोजपुरः पंजाब में लगातार हो रही बारिश के कारण कई गांवों में बाढ़ के हालात बन गए है। सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग कभी युद्ध तो कभी बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करते हैं। इस बार सतलुज नदी की मार से कई एकड़ फसल बर्बाद होने के कारण वे आर्थिक रूप से भी कमजोर हो गए हैं। इस कठिन समय में स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष चिकित्सकीय कैंपों के माध्यम से दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं ने परिवारों को राहत देने का काम किया है। विभाग के अधिकारी से लेकर स्टाफ तक परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस मुश्किल घड़ी में समय का साथी बने हुए हैं।

वहीं भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सतलुज नदी से लगे गांव टेंडी वाला की मंजीत कौर और गांव कालू वाला की मनप्रीत कौर के लिए स्वास्थ्य विभाग फरिश्ता बनकर सामने आया। उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह बाढ़ जैसे भयानक हालात में अपने बच्चों को जन्म देंगी। सिविल सर्जन डॉ. राजविंदर कौर ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य मंत्री पंजाब डॉ. बलबीर सिंह द्वारा स्वास्थ्य विभाग को बाढ़ पीड़ितों के लिए हर संभव मदद देने और गर्भवती महिलाओं को कठिन हालात से बाहर निकालकर सुरक्षित स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कर उनका प्रसव कराने के आदेश दिए गए थे।

इन आदेशों का पालन करते हुए स्वास्थ्य विभाग ने गांव टेंडी वाला की मंजीत कौर और गांव कालू वाला की मनप्रीत कौर गर्भवती महिलाओं को बचाकर सिविल अस्पताल में भर्ती कराया और सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित कराया। मंजीत कौर ने बताया कि उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को इस बात की चिंता थी कि बाढ़ के ऐसे हालात में उन्हें प्रसव सेवाएं कैसे मिलेंगी, डॉक्टरों और नर्सों की विशेषज्ञता कैसे प्राप्त होगी, आवश्यक दवाइयों तक पहुंच कैसे होगी। लेकिन जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की मदद से सहायता मिलनी शुरू हो गई, जिससे हमें जीवन की उम्मीद की किरण मिली। उन्होंने कहा कि बाढ़ से पहले वे अपने गांव में एएनसी जांच, टीकाकरण के लिए कैंप में जाते थे, लेकिन बाढ़ ने सब कुछ बदल दिया।

स्वास्थ्य विभाग ने उनकी पूरी देखभाल की। जिला मास मीडिया अधिकारी संजीव शर्मा, डिप्टी मास मीडिया अधिकारी अंकुश भंडारी और नेहा भंडारी ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह के निर्देशानुसार यदि कोई गर्भवती महिला अस्पताल में रहना चाहे तो उन्हें घर जैसा माहौल, खाने-पीने का ध्यान रखने के साथ पूरी स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएंगी। समाजसेवी विपुल कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की चारों तरफ चर्चा हो रही है और स्वास्थ्य कर्मी लोगों की हर संभव मदद कर रहे हैं, जो वे कर सकते थे।

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