अमृतसर। बीते साल जून में कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद जस्टिन ट्रूडो ने भारत की ओर उंगली उठाई थी। जिसके बाद से भारत ने उन आरोपों को सिरे से ख़ारिज कर दिया था और उसके बाद दोनों देशों ने एक दूसरे के डिप्लोमैट्स को देश छोड़ने को कहा था। इसके बाद दोनों देशों के बीच ताखी भाषा में बयानबाज़ी हुई थी। मौजूदा वक़्त में दोनों देशों के बीच संबंध अपने सबसे ख़राब दौर से गुज़र रहे हैं। दोनों के बीच रिश्तों के सामान्य होने की संभावना कम दिख रही है।
इस बीच कनाडा रह रहे भारतीयों बच्चों के परिजनों के मन में डर सा होने लगा है। कनाडा में रह रहे बच्चों के परिजनों का कहना है कि उन्होंने अपने बच्चो को बेहतर भविष्य के लिए इतना पैसा लगा कर भेजा है। लेकिन दोनों देशों के बीच आई रिश्तों की खटास में उनके मन में भी डर बैठ गया है। इनके ही नहीं बल्कि वह सब माता-पिता डरे हुए है जिनके बच्चे कनाडा में बैठे है।परिजनों का कहना है कि दोनों देशों को मिल कर सारे मसले हल करने चाहिए।
पीआर बच्चों का भी कहना है कि जैसे भारत और कनाडा के रिश्ता अब है उससे सबके मन मे डर है और माँ बाप अपने बच्चों को कनाडा में भेजने के लिए फ़ाइल लगाते है तो वो रिजेक्ट हो जाती है। बच्चे इस वजह से भारत के कॉलेज में एडमिशन ले रहे हैं। जल्द से जल्द रिश्तों में सुधार होना चाहिए तांकि जो सपने भारतीय बच्चों ने देखे है वह पूरे हो सके।