लुधियानाः जिले के पास हसनपुर गांव के निवासी बापू सूरत सिंह खालसा का निधन हो गया। मिली जानकारी के अनुसार 92 वर्ष की उम्र में बापू सूरत सिंह का अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में निधन हो गया। सूरत सिंह खालसा का जन्म 7 मार्च 1933 को हुआ था। गौर हो कि सूरत सिंह खालसा ने जेल में बंदी सिखों की रिहाई के लिए 2015 में भूख हड़ताल की थी। वे 7 साल तक डीएमसीएच अस्पताल में भी भर्ती रहे। 16 जनवरी 2015 को सूरत सिंह खालसा ने भूख हड़ताल शुरू की जो करीब 8 साल तक चली।
वहीं बापू सूरत सिंह के निधन पर उनकी भतीज बहू दलजीत कौर का बयान आया है। उन्होंने कहा कि आज सुबह ही निधन के बारे में पता चला है। बापू का परिवार सारा अमेरिकी में रहता है, जिसमें 5 बेटे और एक बेटी शामिल है। पीड़ित ने कहा गांव में वह और बापू सूरत सिंह के बड़े भाई की बहू रहती है। महिला ने कहा कि उनकी आखिरी बार अमेरिका जाने के दौरान बातचीत हुई थी। बापू को अपना पिता समझकर उनकी देखभाल करते थे, लेकिन अब बापू के जाने से कौम को काफी नुकसान हुआ है। बापू के निधन की खबर गांव में फैलने के बाद गांव वासियों में शोक की लहर छा गई।
वहीं बलबीर सिंह ने कहा कि बापू के साथ काफी समय उन्होंने बताया है और उनकी काफी सेवा भी की। बापू सूरत सिंह के जाने से पंजाब को काफी नुकसान हुआ है। पुरानी याद को ताजा करते हुए कहा कि वह उनके साथ अक्सर हसंते खेलते रहे। लेकिन अब अमेरिका में चले गए थे, जिसके बाद विदेश की धरती पर बापू सूरत सिंह ने आखिरी सांस ली। बापू का बेटा गोगी अमेरिका में रहता है।
वह अक्सर कौम की सेवा करते रहे। बलबीर सिंह ने बताया कि बापू का निधन को लेकर कल फोन आया था। बता दें कि बापू सूरत सिंह खालसा खुद अमेरिकी नागरिक है। और 1988 में अपने बच्चों के साथ रहने के लिए अमेरिका चला गया था। जिसके बाद से वह अक्सर पंजाब आता-जाता रहता था। बापू सूरत सिंह एक सरकारी स्कूल में टीचर रह चुके है। साका नीला तारा के विरोध में जून 1984 में नौकरी छोड़ दी थी।