फिरोजपुरः शिरोमणि अकाली दल और सिख संगठनों द्वारा सीमावर्ती गांवों में बने गुरुद्वारों से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूपों को सम्मान और मर्यादा के साथ वापस गुरुद्वारा श्री जामनी साहिब ले जाना शुरू किया। एसजीपीसी के तेजबीर सिंह का कहना है कि युद्ध के माहौल में यदि पाकिस्तान की ओर से कोई हमला होता है तो गुरुद्वारों में रखे स्वरूपों को किसी भी प्रकार का नुकसान ना हो, इसलिए यह मुहिम शुरू की गई है।
इसमें सिख स्टूडेंट फेडरेशन और अन्य संगठन भी उनका सहयोग कर रहे हैं और वे पूरी मर्यादा के साथ गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूपों को श्री गुरुद्वारा जामनी साहिब में सुरक्षित रख रहे हैं ताकि किसी भी प्रकार की बेअदबी न हो। वहीं गुरुद्वारा जामनी साहिब के ग्रंथी सिंह ने बताया कि गुरु साहिब के स्वरूपों को पूरी मर्यादा के साथ पालकी में सजाकर गुरुद्वारा में सुरक्षित रखा जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो और गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी ना हो।
इसी के साथ ही सिख स्टूडेंट फेडरेशन के नेता भी एਸजिपीसी के साथ मिलकर गांव-गांव जाकर गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूपों को श्री गुरुद्वारा जामनी साहिब तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। उनका कहना है कि गांवों से लोग अपने घर-बार छोड़कर चले गए हैं। गुरुद्वारों की देखभाल के लिए ज्यादा लोग नहीं बचे हैं, इसलिए पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब को पूरी मर्यादा के साथ वहां लाया जा रहा है। जब युद्ध का माहौल समाप्त हो जाएगा, तब फिर से गुरुद्वारों में गुरु साहिब का प्रकाश स्थापित कर दिया जाएगा।