अमृतसरः जिले के मजीठा क्षेत्र के विभिन्न गांवों में जहरीली शराब पीने से लगभग 14 लोगों की मौत हो गई। जबकि कुछ लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। वहीं इस मामले में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 6 दोषियों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट करते हुए कहा कि मजीठा के आसपास के कुछ गांवों में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत होने की दुखद खबर मिली है।
मासूम लोगों के इन कातिलों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। ये मौतें नहीं, कत्ल हैं। जहरीली शराब से लोगों के घरों में मातम बिछाने वाले इन दोषियों को कानून के मुताबिक सबसे सख्त सज़ा दी जाएंगी। उन्होंने परमात्मा से दिवंगत आत्माओं की शांति की प्रार्थना की। सीएम मान ने कहा कि सरकार परिवारों के साथ खड़ी है और परिवार को हर संभव मदद की जाएगी।
मजीठा में शराब से हुई मौतों के बाद विपक्षी दलों ने पंजाब सरकार को निशाने पर ले लिया है। अकाली दल के नेता और पूर्व विधायक बिक्रम मजीठिया ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि सरकार की मिलीभुगत से बिक रही शराब के कारण लोगों की मौत हुई है। जिसमें कई गंभीर रूप से घायल हो गए है। मजीठिया ने प्रशासन पर पूरे मामले को दबाने का आरोप लगाया है।
दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और लुधियाना से कांग्रेस सांसद सदस्य अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि पंजाब में नशा विरोधी अभियान पूरी तरह नाकाम नजर आ रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शराब का कारोबार पूरी तरह पुलिस स्टेशन के पास ही चल रहा था और पुलिस की मिलीभुगत से चल रहा था। जहरीली शराब के साथ हलका मजीठा में उनके सोर्स से पता चला कि इसमें 15 लोगों की मौत हो गई। इससे पहले संगरूर में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत हो चुकी है।
प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नशा विरोधी अभियान के दौरान यह घटना सरकार, प्रशासन और पुलिस के आपसी तालमेल की कमी को दर्शाती है और कई सवाल उठाती है। उन्होंने परिवार वालों के प्रति दुख व्यक्त किया और सरकार से पीड़ितों के लिए तुरंत मदद की मांग की है।