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Punjab News: Call Center में पुलिस की Raid, साइबर ठग महिला सहित 8 गिरफ्तार, देखें वीडियो

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फर्जी इंटरनेशनल कंपनी के नाम पर 50 करोड़ की ठगी, 12 लैपटॉप, 14 फोन और स्कॉर्पियो जब्त

मोहालीः जिले में पुलिस ने फर्जी इंटरनेशनल कंपनी के नाम ठगी मारने वाले साइबर ठग गैंग का पर्दाफाश करते हुए एक महिला सहित 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दरअसल, पुलिस ने सेक्टर 91 में चल रहे गैरकानूनी कॉल सेंटर में रेड की। बताया जा रहा है कि इस सेंटर के जरिए आरोपियों ने लोगों के साथ लगभग 50 करोड़ की ठगी की। मामले की जानकारी देते हुए साइबर डीएसपी रूपिंदर सोहल ने बताया कि एक गुप्त सूचना के आधार पर सेक्टर 91 में रेड की गई। कॉल सेंटर में भोले-भाले लोगों को अपनी बातों में फंसाकर उनसे लाखों रुपए की ठगी मारी जा रही थी। यह कॉल सेंटर लगभग 6 महीनों से यहां पर चल रहा था। प्रारंभिक जांच में अनुमान लगाया जा रहा है कि यह गिरोह लगभग 50 करोड़ की ठगी कर चुका है।

इन ठगों में से महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश के निवासी शामिल हैं। आरोपियों का पुलिस कोर्ट से रिमांड हासिल करके इनके अन्य साथियों का पता लगाने के साथ ही यह भी जांच करेगी कि इनसे पहले भी किसी और शहर में ठगी की गई है या नहीं। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 12 लैपटॉप, 14 मोबाइल, एक नई स्कॉर्पियो गाड़ी बरामद की है। बताया जा रहा हैकि आरोपी खुद को बैंक या रेवेन्यू विभाग का अधिकारी बताकर लोगों को फंसाते थे। पुलिस जांच में सामने आया है कि ये लोग पहले डेटा इकट्ठा करके ब्लॉक में मैसेज भेजते थे। लोगों को बताया जाता था कि उनके खाते से बिटकॉइन खरीदा गया है। यह बिटकॉइन किसी गैरकानूनी काम में इस्तेमाल हो सकता है। इसे मनी लॉन्ड्रिंग या टेरर फंडिंग में प्रयोग किया जा सकता है।

ये लोग खुद को बैंक या राजस्व अधिकारी बताते थे। फिर लोगों को यह सुझाव दिया जाता था कि अगर वे इस बिटकॉइन को गिफ्ट या अन्य चीज़ों में बदलवा लेंगे, तो आसानी से बच सकते हैं। जैसे ही लोग इनकी बातों में आकर अपने अकाउंट की जानकारी इन्हें सौंप देते थे, ये लोग सारा खेल शुरू कर देते थे। पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह मोहाली के अलावा किसी अन्य देश से भी संचालित हो रहा था। यह गिरोह पूरी तरह से एक कंपनी की तरह काम करता था। इसमें काम करने वाले लोग अंग्रेजी, पंजाबी और हिंदी भाषा में अच्छी तरह से बातचीत कर सकते थे।

सभी की उम्र 25 साल से अधिक थी और वे सभी पढ़े-लिखे ग्रेजुएट थे। इस गिरोह का मास्टरमाइंड स्थानीय डेटा उपलब्ध करवाता था। ये लोग अंतरराष्ट्रीय कॉल्स करते थे और उनका कामकाज शाम 9 बजे से रात 2 बजे तक चलता था। पुलिस का कहना है कि इनके लैपटॉप से काफी डेटा मिला है। पता चला है कि यह सैलरी का नकद भुगतान करता था। इसके अलावा पुलिस के हाथ कई इनपुट मिले थे।

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