फिरोजपुरः अमृतसर के मजीठा के गांवों में जहरीली शराब से 23 मौतों हो गई। वहीं इस मामले के बाद फिरोजपुर जिला प्रशासन आज हरकत में आ गया। पुलिस और एक्साइज विभाग ने मिलकर कई जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान कई घरों में अवैध रूप से चल रही शराब की फैक्ट्रियों से 5000 लीटर लाहण बरामद किया गया। इसी के साथ ही 100 लीटर अवैध शराब पुलिस ने जब्त की। वहीं पुलिस द्वारा 5 मामले दर्ज किए गए। बताया जा रहा है कि नदीय इलाका होने की वजह से अवैध शराब बनाने वाले सतलुज नदी की आड़ में बड़े पैमाने पर अवैध शराब बनाने का कारोबार कर रहे थे। कई बार एक्साइज और पुलिस द्वारा रेड करके अवैध शराब की फैक्ट्रियों को पकड़ा भी जाता रहा, लेकिन इसके बावजूद ये अवैध फैक्ट्रियां लगातार चल रही हैं।
उल्लेखनीय है कि पुलिस मामले की जांच कर रही है कि जो अवैध शराब बनाई जा रही है, उसमें मेथनॉल का उपयोग किया गया है या नहीं, क्योंकि जो शराब मजीठा में लोगों ने पी थी, उसमें मेथनॉल की भारी मात्रा पाई गई थी, जिससे लोगों की मौत हुई है। मामले की जानकारी देते हुए डीएसपी सुखविंदर सिंह ने बताया कि अवैध शराब बेचने वालों के खिलाफ पुलिस प्रशासन और एक्साइज विभाग मिलकर लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज कई गांवों में रेड की गई। इस दौरान कई घरों में अवैध शराब की फैक्ट्रियां चल रही थीं, जिनसे 5000 लीटर लाहण बरामद किया गया, जिसे नष्ट कर दिया गया है। इस संबंध में पांच मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
आबकारी विभाग के अधिकारी राजीव बत्रा का कहना है कि उनकी ओर से लगातार अवैध शराब बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अधिकांश अवैध शराब बनाने वाले सतलज नदी का फायदा उठाते हैं और सतलज नदी के किनारे तथा नदी के बीच बने टापू जैसे क्षेत्रों में शराब की फैक्ट्रियां चलती हैं, जिन पर लगातार छापे जारी हैं। उन्हें गुप्त सूचना मिली थी, जिसके आधार पर शराब बनाने वालों के घरों में रेड की गई। वहां अवैध फैक्ट्रियां चल रही थीं, जहां से भारी मात्रा में लाहण और अवैध शराब बरामद हुई। उन्होंने लोगों से अपील की है कि इस तरह की अवैध शराब का सेवन न करें क्योंकि इनमें खतरनाक रसायन होते हैं जो किसी की भी जान ले सकते हैं। इसलिए उन्होंने इस तरह की शराब से बचने की अपील की है।