फिरोजपुरः एक ऐसी कहानी जिसे सुनकर आपके भी रौंगते खड़े जो जाएंगे। आज के समय में जहां हर कोई तरक्की की राह पर है, लेकिन एक ऐसा भी परिवार है जो आज के जमाने में भी नर्क भरी जिंदगी जीने को मजबूर है। हम बात कर रहे हैं सीमावर्ती गांव नवां बारी की। जहां एक 45 साल की विधवा महिला जानवरों से भी बदतर जिंदगी जी रही है। रहने को एक छोटा सा कमरा तो है, लेकिन उसका भी नहीं पता वह कब गिर जाए। रात को भी भूखे पेट सोना पड़ रहा है।
विधवा महिला की बहन सीमा रानी ने बताया कि उसकी बहन जिसे आंखों से बहुत कम दिखाई देता है वह नर्क भरी जिंदगी जी रही है। सीमा ने बताया कि उसकी बहन औऱ उसके पति का मौत हो चुकी है। घर में कमाने वाला कोई भी नही है। एक बेटा था जो नशे का आदि होने के चलते वह भी मर गया। अब सारी जिंदगी अकेले नर्क भरे हालातों में जी रहे है। घर में खाना बनाने के लिए राशत तक नहीं है। अगर कोई कुछ खाने को दे देता है तो वह खा लेते हैं नहीं तो भूखे पेट ही सोना पड़ रहा है। आंखों से दिखाई न देने से वह काम भी नहीं कर पा रही। आर्थिक रूप से कमाई का कोई साधन नहीं है।
महिला ने बताया कि चुनाव के समय हर राजनीतिक नेता यहां आते है और उनका घर बनाने और आर्थिक मदद देने का वादा करता है, लेकिन वोट देने के बाद कोई उनकी सुध तक नहीं लेता। उन्हें दो वक्त का खाना भी नसीब नहीं हो रहा। पीड़ित ने बताया कि उनके घर में न तो बाथरूम है और न ही पीने का पानी। सर्दी हो या गर्मी वह एक झोपड़ी जैसे घर में रह रहे है। जिसकी छत्त भी काफी खस्ता हो चुकी है जो कभी भी गिर सकती है। बारिश होने पर छत्त के गीरने के डर से वह एक कोने में बैठे रहते है। उन्होंने सरकार से मांग की कि कोई आकर उनकी दयनीय हालत पर तरस खाकर उनकी मदद करें, ताकि वह भी अच्छी जिंदगी जी सके।