अमृतसरः अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब के सेक्रेटेरिएट में पांच सिंह साहिबों की एक जरूरी बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता एग्जीक्यूटिव जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने की। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि मीरी-पीरी के मालिक श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी के पवित्र तख्त श्री अकाल तख्त साहिब और सचखंड श्री दरबार साहिब कॉम्प्लेक्स के अंतर्गत पंथिक मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई।
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Akal Takht Bars Destination Weddings Outside Gurdwaras, Bans AI-Generated Sikh Films
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बैठक में सबसे पहले सिख संगत की ओर से मिल रही शिकायतों पर विचार किया गया। खास तौर पर मैरिज पैलेसों, रिसॉर्ट्स, समुद्र किनारे, बीच और कमर्शियल फार्महाउसों में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रकाश और आनंद कारज करवाने के मामलों पर चर्चा हुई। पांचों सिंह साहिबों ने पहले से जारी हुक्मनामों (1998 और 2023) का हवाला देते साफ आदेश दिया कि ऐसी जगहों पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पवित्र स्वरूप को ले जाना और वहां आनंद कारज करना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने कहा कि गुरुद्वारा साहिब के ग्रंथियों, एडमिनिस्ट्रेटर्स, सेवादारों और सभी रागी जत्थों को इन आदेशों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे ग्रंथी हों, रागी जत्थे हों या मैरिज पैलेस व कमर्शियल जगहों के मालिक हों। चंडीगढ़ और आसपास के इलाकों में ऐसे मामलों में बढ़ोतरी पर विशेष चिंता जताई गई।
बैठक में एक और अहम मुद्दा सिख गुरुओं, उनके परिवार के सदस्यों, पुराने सिख योद्धाओं, शहीदों और सिख इतिहास से जुड़े विषयों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से बनाई जा रही फिल्मों, एनिमेशन और वीडियो का भी रहा। पांचों सिंह साहिबों ने इसे बेहद संवेदनशील और गंभीर मुद्दा बताया और इस पर स्पष्ट नीति बनाने की जरूरत पर जोर दिया। जत्थेदार ने साफ कहा कि सिख गुरुओं, उनके परिवार के सदस्यों और महान शहीदों की नकल कर किसी भी तरह की फिल्म, एनिमेशन या AI वीडियो बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। ऐसी कोई भी कोशिश सिख धर्म के मूल सिद्धांतों के खिलाफ मानी जाएगी।
इसके अलावा श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पवित्र स्वरूपों से जुड़े मामलों पर भी चर्चा हुई। सिंह साहिबों ने स्पष्ट किया कि यह सिखों का आंतरिक धार्मिक विषय है, जिसे श्री अकाल तख्त साहिब और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पंथिक परंपराओं के अनुसार सुलझाने में पूरी तरह सक्षम हैं। इस मामले में सरकारी एजेंसियों और पुलिस के हस्तक्षेप को गैर-जरूरी और गलत बताया गया।
जत्थेदार ने पंजाब सरकार और सत्ताधारी राजनीतिक दलों को कड़े शब्दों में चेतावनी दी कि यदि सिखों के आंतरिक मामलों में दखल जारी रहा तो पंथिक परंपराओं के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी राजनीतिक पार्टी इस मुद्दे से राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश न करे, अन्यथा उसे श्री अकाल तख्त साहिब के सामने जवाबदेह होना पड़ेगा।
बैठक के दौरान सिखों के खिलाफ हेट स्पीच, फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स और धमकियों के मामलों में पुलिस की ओर से कार्रवाई न होने पर भी गहरी नाराजगी जाहिर की गई। पांचों सिंह साहिबों ने कहा कि जब सिख संगठनों की शिकायतों पर कार्रवाई नहीं होती, तब उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना दोहरा रवैया है।