अमृतसरः श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज के नेतृत्व में आज श्री अकाल तख्त साहिब में 5 सिंह साहिबान की एकत्रता हुई। इस एकत्रता में जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज के साथ श्री अकाल तख्त साहिब के मुख्य ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी मलकीत सिंह, तख्त श्री दमदमा साहिब के मुख्य ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी जगतार सिंह, तख्त श्री केसगढ़ साहिब के मुख्य ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी जोगिंदर सिंह और श्री अकाल तख्त साहिब से 5 प्यारे ज्ञानी मंगल सिंह उपस्थित थे। इस एकत्रता में 8 मत्ते पर पास किए गए। सिंह साहिब ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज्ज ने बताया कि एकत्रता में पांच सिंह साहिबान ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि गुरप्रवासी ज्ञानी मलकीत सिंह (खंडूर), पूर्व पांच प्यारे श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा गुरबाणी संथिया सेवाओं की सराहना करते उनके परिवार (सिंघणी) को श्री अकाल तख्त साहिब से सम्मानित किया जाएगा।
प्रस्ताव संख्या 2 में सर्वसम्मति से गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी हरपाल सिंह द्वारा दशमेश पातशाह साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबज़ादों की अद्वितीय शहादत को सफर-ए-शहादत के माध्यम से प्रचार करते की गई सेवाओं के मद्देनज़र उनकी प्रशंसा की जाती है। श्री अकाल तख्त साहिब से इनका सम्मान किया जाएगा और प्रस्ताव संख्या 3 में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि हर गुरसिख जहां नितनेम करता है, वहां प्रेरणा दी जाएगी कि अपने सोने से आधा घंटा पहले गुरु इतिहास और सिख इतिहास से संबंधित साखियों को सुनाने की परंपरा को पुनः जीवित करें, ताकि बच्चों को सिख मूल्यों की अधिकतम जानकारी हो सके और सिखी के प्रति प्रेम बढ़ सके। इसके साथ ही प्रस्ताव संख्या 4 में समूचे सिख जगत को प्रेरित किया कि हर सिख अंतिम अरदास के समय साधा लंगर तैयार करके गुरु के लंगर की मूल भावना और परंपराओं के अनुसार पहरा दे। इसके साथ अन्य मत्तों को भी पास करते उन पर विचार-विर्मश किया गया।