लुधियानाः गांव मत्तेवाड़ा में रोड पर DIG सतिंदर सिंह की सुरक्षा में तैनात पंजाब पुलिस के एक कॉन्स्टेबल पर हमला किया गया। इस घटना में पुलिस कर्मी के सिर और रीढ़ की हड्डी पर गंभीर चोटे आई है। घायल पुलिस कर्मी को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। घायल कॉन्स्टेबल की पहचान 30 वर्षीय गगनदीप सिंह के रूप में हुई है। हालांकि यह घटना 13 नवंबर को हुई थी, लेकिन अब पुलिस ने कॉन्स्टेबल के बयानों पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करके आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
पीड़ित ने पुलिस को दिए बयानों में कहा कि गांव गढ़ी फजल के दूध विक्रेता सिमरनजीत सिंह उसके पिता भगवान सिंह और 3 अज्ञात साथियों दूध के एल्यूमीनियम के डिब्बों और तेजधार हथियारों से उस पर जानलेवा हमला किया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी फरार चल रहे हैं। गगनदीप सिंह ने शिकायत में कहा कि 13 नवंबर को दिन का काम खत्म करने के बाद वह अपने दोस्तों प्रताप सिंह (गांव कडियाना), जसप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी (गांव खासी खुर्द) और तुषार के साथ मारुति सुजुकी स्विफ्ट कार में शहीद भगत सिंह नगर (नवांशहर) के सात बलाचौर जाने के लिए निकले थे।
उसका दोस्त प्रताप सिंह एक पुरानी कार खरीदना चाहता था और वे उसे देखने के लिए बलाचौर जा रहे थे। शिकायतकर्ता ने आगे बताया कि जब वे मत्तेवाड़ा में गढ़ी फजल रोड पर पहुंचे तो कार सिमरनजीत सिंह की बाइक से छू गई, जिस पर दूध के एल्यूमीनियम के डिब्बे लदे हुए थे और वह विपरीत दिशा से आ रहा था। सिमरनजीत सिंह ने उन्हें गाली देना शुरू कर दिया और अपने पिता और साथियों को बुला लिया।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि तेजधार हथियारों से लैस आरोपियों ने उस पर हमला कर दिया। आरोपियों ने एल्यूमीनियम के दूध के डिब्बों से उस पर हमला किया और उसे घायल अवस्था में छोड़कर भाग गए। उसके दोस्तों को भी झड़प में चोटें आईं। उसे तुरंत सिविल अस्पताल ले जाया गया। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे एक न्यूरो अस्पताल में रेफर कर दिया। जहां वह कम से कम सात दिनों तक बेहोश रहा।
पुलिस थाना मेहरबान के एसएचओ इंस्पेक्टर जगदेव सिंह ने मीडिया बताया कि आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 115 (2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 117 (2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 109 (हत्या का प्रयास), 351 (2) (आपराधिक धमकी), 351 (3) (मौत या गंभीर चोट पहुंचाने की धमकी), 191 (3) (दंगा) और 190 (गैरकानूनी सभा का प्रत्येक सदस्य सामान्य उद्देश्य के अभियोजन में किए गए किसी भी अपराध का दोषी है) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।