गुरदासपुर: नहरी विभाग की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। विभाग का वर्षों पुराना रिकॉर्ड पिछले कई दिनों से कार्यालय के बरामदे में यूं ही खुला पड़ा हुआ है। इनमें न केवल विभागीय दस्तावेज हैं, बल्कि कई कर्मचारियों के आधार कार्ड की फोटोकॉपी सहित कई जानकारियां भी शामिल है। यह स्थिति न केवल दस्तावेजों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है, बल्कि इनमें से किसी भी जानकारी से दुरुपयोग होने की भी आशंका है।बरामदे में कूड़े की तरह बिखरे इन कागजों में कौन ज़िम्मेदार है।
बरसात के मौसम में य रिकॉर्ड खराब भी हो सकता हैं। इस संबंध में सुपरिडेट गुरिंदर सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा, यह सब पुराना रिकॉर्ड है, जिसमें से कई रिकार्ड खंगालने के लिए बाहर निकाला गया है और इसका ध्यान रखा जाएगा। अब सवाल यह उठता है कि यदि रिकॉर्ड ढूंढना ही था तो क्या उसे कार्यालय के अंदर नहीं खंगाला जा सकता था? क्या एक सरकारी विभाग में इस तरह खुले में आधार कार्ड जैसी जानकारियों को छोड़ना उचित है? और अगर इस बीच किसी दस्तावेज की चोरी या क्षति हो जाती है, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?