मोहालीः पंजाब और हरियाणा सरकार के बीच पानी को लेकर मुद्दा काफी गरमाया हुआ है। दरअसल, बीते दिन पंजाब सरकार द्वारा पानी के मुद्दे को लेकर सभी पार्टियों के नेताओं के साथ बैठक की गई थी। जिसमें पानी की एक भी अतिरिक्त बूंद दूसरे राज्यों को ना देने का फैसला किया गया था। वहीं आज हरियाणा सरकार ने भी सभी पार्टियों के नेताओं के साथ पानी के मुद्दे को लेकर बैठक की है।
जिसमें उन्होंने पानी देने की मांग की है। वहीं सूत्रों से पता चला है कि पंजाब सरकार भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) की आज होने वाली बैठक में भाग नहीं लेगी। केंद्रीय गृह सचिव ने हरियाणा को 8500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी देने के फैसले को लागू करने पर विचार करने के लिए कल बीबीएमबी को दिल्ली में तत्काल बैठक बुलाने के निर्देश दिए थे। ऐसे में यह बैठक आज शाम को बीबीएमबी मुख्यालय में होनी है। पंजाब सरकार ने बैठक से ठीक पहले बीबीएमबी को पत्र भेजकर इस बैठक को स्थगित करने की मांग की है।
बताया जा रहा है कि जारी पत्र में पंजाब सरकार ने तर्क दिया है कि 5 मई को पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है, जिसमें हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के बीबीएमबी के फैसले पर चर्चा होनी है। पूरी राज्य मशीनरी इस सत्र की तैयारियों में व्यस्त है, ऐसे में आज बीबीएमबी बैठक स्थगित कर दी जानी चाहिए। सूत्रों के मुताबिक जल संसाधन विभाग ने यह भी दलील दी है कि बीबीएमबी की मीटिंग तय करने से पहले रेगुलेशन 1976 की धारा 7 के तहत सात दिन का नोटिस जरूरी होता है, इसलिए उचित प्रक्रिया अपनाई जाए। ऐसे में यह बैठक गैरकानूनी तरीके से बुलाया गया है।