गुरदासपुरः जिंदगी-मौत से जूझ रहे लखविंदर सिंह के परिवार ने प्रशासन से इंसाफ की मांग की है। इश दौरान परिवार ने पुलिस पर गैरकानूनी मुकदमे दर्ज करने के गंभीर आरोप लगाए है। दरअसल, जनवरी 2025 में कस्बा कादियां के बुट्टर रोड पर एक बड़े शोरूम में संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई थी। शोरूम के मालिक राजीव भाटिया और संजीव भाटिया ने दुकान के साथ रहने वाले किराएदार दुकानदार लखविंदर सिंह निवासी ठक्कर संधू पर दुकान में आग लगाने का आरोप लगाया था। दुकानदारों की शिकायत के आधार पर थाना कादियां की पुलिस ने लखविंदर सिंह निवासी ठक्कर संधू के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
परिवार के सदस्यों के अनुसार लखविंदर सिंह इन आरोपों में निर्दोष साबित हुए, लेकिन इस दौरान थाना कादियां की पुलिस ने मालिक पक्ष की मिलीभगत से लखविंदर सिंह के परिवार को बहुत परेशान किया और लखविंदर सिंह को भगोड़ा घोषित करके उनकी बेटी और दामाद पर भी मामला दर्ज कर दिया था। कुछ दिन पहले ही किसी ने उन्हें रास्ते में घेरकर मार-पीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। जिसके बाद घटना में घायल लखविंदर सिंह अब जिंदगी-मौत की जंग लड़ रहा हैं। उनका कहना है कि इसी रंजिश के तहत लाखविंदर सिंह पर हमला किया गया है, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही और उनकी बेटी और दामाद पर दर्ज मामला भी रद्द किया जा रहा है।
मामले की जानकारी देते हुए परिवार के सदस्यों ने बताया कि लखविंदर सिंह पिछले 30 वर्षों से किराए पर दुकान चलाता था। आग लगाने का आरोप लगने के बाद लखविंदर सिंह से दुकान खाली करवा ली गई और उनकी रोजी-रोटी भी बंद कर दी गई। इस निराशा की स्थिति में लखविंदर सिंह और उनका परिवार बहुत गरीबी भरी जिंदगी जी रहा था। 14 मई को जब लखविंदर सिंह अपने गांव ठक्कर संधू लौट रहे थे, तो गांव बुट्टर के पास वे संदिग्ध हालत में घायल मिले। परिवार के सदस्य, पत्नी, बेटी और करीबी रिश्तेदारों का कहना है कि लखविंदर सिंह को साजिश के तहत दुकान के मालिकों द्वारा कथित रूप से घायल किया गया है और उनका विश्वास है कि यह कोई दुर्घटना नहीं है।
उन्होंने बताया कि लखविंदर सिंह इस समय गुरदासपुर के एक निजी अस्पताल में जिंदगी-मौत की जंग लड़ रहा हैं। पूरा गांव इस बात का गवाह है और पूरा गांव परिवार के साथ खड़ा है। उन्होंने बताया कि इन हालात के लिए उस दुकान के मालिक और थाना कादियां की पुलिस जिम्मेदार है। इस मौके पर उनकी बेटी और दामाद ने भी बताया कि पुलिस की कार्रवाई ने उनका जीवन भी मुश्किल बना दिया है और वे इस समय मानसिक तनाव में हैं। परिवार के सदस्यों ने कहा कि दुकान के मालिकों और पुलिस के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही जबकि इन्हीं लोगों ने लखविंदर सिंह को घर से बेघर करने के बाद घायल भी किया है।
इस संबंध में जब थाना कादियां के मुखी निर्मल सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि आग लगाने के मामले में शक के आधार पर लखविंदर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। वहीं लखविंदर सिंह की बेटी और दामाद पर उसे पनाह देने के आधार पर मामला दर्ज किया गया है। लखविंदर सिंह को जो चोटें आई हैं, वे उनके इलाके में नहीं हुई हैं। इस मामले की जांच दूसरे थाना की पुलिस कर रही है।