अमृतसरः अमृतसर-तरनतारन रोड पर स्थित डेरे संत बाबा भूरी वालों के बाहर एक ऐतिहासिक पल देखा गया, जब श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी और उनके साथी शहीद भाई मती दास जी, भाई सती दास जी और भाई याला की 350वीं शहादत शताब्दी को समर्पित विशाल नगर कीर्तन यहां से अपने अगले पड़ाव की ओर रवाना हुआ। यह नगर कीर्तन गुरदासपुर से शुरू हुआ था और देर रात अमृतसर पहुंचा था। सुबह से ही बड़ी संख्या में संगत डेरे पर इकट्ठी होने लगीं।
वाहेगुरु नाम का जाप गूंज रहा था और आध्यात्मिक उत्साह स्पष्ट दिख रहा था। यह नगर कीर्तन सिर्फ धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि उन शहादतों की याद है जिन्होंने मानवता, धर्म और अन्याय के खिलाफ खड़े होने के लिए अपनी जानें बलिदान कर दीं। धर्म की रक्षा और अन्याय के विरुद्ध यह संदेश आज भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना 350 साल पहले था।
नगर कीर्तन में आम आदमी पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, कार्यकर्ता और अलग-अलग इलाकों से आईं संगतें भी मौजूद थीं। कुछ समय पहले ही पार्टी के नेताओं ने माथा टेककर पंजाब में शांति, मेलजोल और भाईचारे के लिए अरदास की थी। नगर कीर्तन अब अमृतसर से तरनतारन की ओर गांवों में आगे बढ़ेगा, जहां रास्ते भर संगतों द्वारा लंगर और सेवा के इंतजाम किए गए हैं। स्थानीय लोगों में भी इस ऐतिहासिक यात्रा को लेकर खास उत्साह देखा जा रहा है।