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Punjab News: टूटा 1988 का रिकार्ड, BBMB चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने किए चौकाने वाले खुलासे

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चंडीगढ़: पंजाब में आई बाढ़ के बीच भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। BBMB के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने आंकड़ों के साथ दावा किया कि इस साल डैमों में 1988 के भीषण बाढ़ से अधिक पानी आया है और ब्यास नदी में पानी के प्रवाह ने अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने बताया कि इस मानसून सीजन में डैमों में 11.7 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) पानी आया है, जो एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि इस बार 1988 से ज्यादा पानी है। इस बार 2023 की तुलना में 20% अधिक पानी आया है।
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Bhakra Water Level Below Danger Mark, Pong Remains Critical: BBMB

ब्यास नदी में पानी का प्रवाह 65,000 क्यूसेक से पार हो गया, जिसने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने माना कि पोंग डैम में पानी की आमद बहुत ज्यादा है, जिससे डैम पर भारी दबाव बन गया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि पानी को अत्यंत नियंत्रित तरीके से छोड़ा जा रहा है। भाखड़ा डैम में इस सीजन में 16.78 बिलियन क्यूबिक मीटर का उच्चतम जल स्तर रिकॉर्ड किया गया है, जो कि 1988 और 2023 में देखे गए उच्चतम स्तर के बराबर है। उन्होंने कहा कि हाल ही के दिनों में भाखड़ा में पानी का प्रवाह थोड़ा कम हुआ है, जिससे दबाव कम करने में मदद मिली है, लेकिन पोंग में एक लाख क्यूसेक से अधिक का प्रवाह जारी है।

शुक्रवार तक, भाखड़ा डैम में पानी का स्तर 1,678.6 फुट था, जो कि निर्धारित खतरे के स्तर से लगभग 1.4 फुट नीचे है। हालांकि, पोंग डैम का स्तर 1,394.7 फुट दर्ज किया गया, जो कि खतरे के निशान से ऊपर है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भाखड़ा का जल स्तर 1680 फुट से ऊपर नहीं जाने दिया जा सकता, जो कि उसकी अधिकतम क्षमता है। त्रिपाठी ने कहा कि मौसम की भविष्यवाणी अगले तीन से चार दिनों में कम बारिश का संकेत देती है, जिससे स्थिति को नियंत्रण में लाने में मदद मिल सकती है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में BBMB ने डैमों के महत्व को दर्शाते हुए बड़ा दावा किया।

चेयरमैन ने कहा, अगर ये डैम न होते, तो पंजाब में जून महीने में ही बाढ़ आ चुकी होती। उन्होंने बताया कि डैमों से पानी छोड़ने की प्रक्रिया 6 अगस्त से ही जारी है ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस ऐसे समय हुई है जब पंजाब सरकार और कई विशेषज्ञ बाढ़ के लिए BBMB के कुप्रबंधन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। BBMB ने इन आंकड़ों के माध्यम से यह बताने की कोशिश की है कि स्थिति उनकी उम्मीदों से कहीं अधिक गंभीर थी और उन्होंने सर्वोत्तम संभव तरीके से स्थिति को संभाला। अब देखना होगा कि इन खुलासों पर पंजाब सरकार क्या प्रतिक्रिया देती है।

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