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पंजाबः MBBS स्टूडेंट के सुसाइड मामले में NCSC अध्यक्ष विजय सांपला ने प्रशासन से मांगी रिपोर्ट, देखें वीडियो

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अमृतसरः पंजाब के अमृतसर में होली वाले दिन जालंधर की मेडिकल स्टूडेंट छात्रा का शव कॉलेज के हॉस्टल में लटकता हुआ मिला था। वही यह कहा गया कि छात्रा ने डिप्रेशन के चलते आत्महत्या की है। लेकिन पुलिस की छानबीन में 10 लोगों पर मामला दर्ज कर दिया गया था और आज परिवारिक सदस्यों का कहना है कि उनकी लड़की ने आत्महत्या नहीं की बल्कि उसकी हत्या हुई है। MBBS स्टूडेंट के सुसाइड मामले में NCSC अध्यक्ष विजय सांपला ने प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है ।

मृतक लड़की की माता का कहना है उनकी लड़की अमृतसर के गुरु रामदास मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी। 2017 में उनकी बेटी ने वहां मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए एडमिशन लिया था और उसके कुछ समय बाद से उनकी लड़की को जातिसूचक शब्द बोले जाते थे और उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था । उन्होंने कहा कि उनके पिता लड़की के नाना 6 तारीख को सुबह 7:00 बजे के करीब उनकी लड़की को हॉस्टल छोड़कर आए और उसके बाद से उनकी लड़की की फोन पर बात नहीं हो पाई।

होली वाले दिन जब उनकी लड़की ने फोन नहीं उठाया तो वह बस पकड़कर अमृतसर के गुरु राम दास मेडिकल कॉलेज पहुंची और देखा कि उनकी लड़की का शव हॉस्टल की तीसरी मंजिल पर बने कमरे में लटक रहा था। उन्होंने कहा उनकी लड़की का शव काला रंग में तब्दील हो रहा था पर ऐसा लग रहा था कि उसे मारकर लटकाया गया हो क्योंकि कमरे में ना ही तो उसके पास टेबल था और ना ही कोई ऐसी लटकने वाली चीज जिससे उसने आत्महत्या की हो। उन्होंने कहा कि इस बारे में हॉस्टल के वार्डन और पुलिस को उसी समय सूचित किया लेकिन पुलिस आने से पहले ही कॉलेज मैनेजमेंट के वार्डन और गार्ड ने उनकी बेटी का शव नीचे उतार दिया और सबूतों को मिटाने की कोशिश की गई। उनका यह भी आरोप है कि पुलिस के पास शव को पोस्टमार्टम भेजने के बाद कमरे की चाबी थी लेकिन 11 तारीख को वहां कमरे में सामान इधर उधर पड़ा था और सबूतों को मिटाने की कोशिश की गई।

मृतक लड़की के नाना का कहना है कि वह जब उसे  होस्टल छोड़ने के बाद वापस जालंधर आए तो उसके बाद से बात नहीं हो पाई और उन्हें यह भी शक है कि पुलिस की मिलीभगत से आरोपियों को बचाने में सहायता की जा रही है। आरोप लगाते कहां की लड़की का शव को तीन चुन्नी से लटकाया गया था और जब वह मेडिकल कॉलेज के अंदर दाखिल होने लगे तो गार्ड ने उनके फोन वही रखवा लिए। हालांकि कहा कि डॉ. पीयूष सहित 9 लोगों पर पुलिस ने मामला जरूर दर्ज किया गया है लेकिन वह चाहते हैं कि इस मामले की जांच पड़ताल होने के बाद पूरी तरह से रिपोर्ट सही साबित हो और 302 का मामला दर्ज किया जाए।

दूसरी तरफ गुरु राम दास मेडिकल कॉलेज के डीन और स्टाफ द्वारा प्रेस वार्ता कर आरोप लगाया कि ऐसी कमीशन के चेयरमैन के दबाव में पुलिस ने एक छात्र को गिरफ्तार किया है यह भी कहा गया कि लड़की ने खुद आत्महत्या की थी और उनके कॉलेज के छात्रों छात्राओं डॉक्टर सहित सभी को फसाया गया है। वहीं छात्राओं का कहना है की लड़की हर प्रोग्राम में पार्टिसिपेट करती थी और उसे हरासमेंट करने वाली ऐसी कोई बात नहीं थी उनके प्रशासन उन्हें अच्छी शिक्षा प्रदान करते थे पर अब वह पुलिस से मांग करते हैं की सही जांच पड़ताल की जानी चाहिए और उनके क्लासमेट छात्र-छात्राओं के खिलाफ जो एफ आई आर दर्ज की गई है उसे रद्द किया जाना चाहिए।

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