चंडीगढ़: पंजाब में रिश्वतखोरी को रोकने के लिए सरकार ने भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, वहीं दूसरी ओर विजिलेंस ब्यूरो भी रिश्वत लेने वाले अधिकारियों के पीछे लगा हुआ है। आप सरकार ने 48 तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के खिलाफ रिश्वत लेने के मामले में जांच शुरू करने के लिए विजिलेंस ब्यूरो को आदेश जारी किए हैं। मुख्यसचिव की और से विजिलेंस ब्यूरो को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि शिकायत मिली है। कि कई जिलों के तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों ने रिश्वत लेने के लिए निजी कर्मचारियों को काम पर रखा है। जिसके बाद विजिलेंस ब्यूरो ने मामले की जांच शुरू की थी।

पंजाब सरकार ने विजिलेंस ब्यूरो को जमीनी स्तर पर सारी जानकारी इक्कठी करके रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। विजिलेंस ब्यूरो डाटा तैयार कर राज्य के मुख्य सचिव को भेजेगा। इस रिपोर्ट के अनुसार जिला पटियाला, बरनाला, संगरूर, मोगा, फिरोजपुर, फाजिल्का, मोहाली, रोपड़, फतेहगढ़ साहिब, जालंधर, होशियारपुर, कपूरथला, अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर, बठिंडा, श्री मुक्तसर के तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के कार्यालय साहिब, लुधियाना में वसीका में नवीस और निजी कर्मचारी रिश्वत लेते हैं।

फील्ड में जांच के बाद यह बात सामने आई है कि रिश्वत लेकर संपत्ति के कागजों पर कोड लिखा जाता है। इस कोड को देख कर तहसीलदार या नायब तहसीलदार समझ जाते है कि किस वसीका नवीस ने जमीन के कागजात तैयार किए हैं। और शाम को पंजीकरण के बाद तहसीलदार या नायब तहसीलदार पैसे लेने के लिए अपने निजी व्यक्ति को भेजता है।

