मोहालीः सीबीआई अदालत ने 30 साल पुराने तरनतारन पुलिस मुठभेड़ मामले पर आरोपियों को सजा सुनाई है। अदालत ने फैसला सुनाते हुए आज दोषी करार 2 को उम्र कैद की सजा दी है। इसके अलावा 1-1 लाख रुपए जुर्माना लगाया है। तत्कालीन हेड कांस्टेबल शमशेर सिंह और असिस्टेंट इंस्पेक्टर जगतार सिंह ने फर्जी एनकाउंटर किया था। उस समय रिकवरी के बहाने हरबंस सिंह को पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई थी।
जिसका इन्होंने एनकाउंटर कर दिया था। जांच में 4 पुलिस कर्मियों पर आरोप लगे थे। जिसमें 2 पुलिस कर्मियों ट्रायल के दौरान देहांत हो गया था। बता दें कि फर्जी एनकाउंटर मामले में परिवार को 30 वर्ष बाद इंसाफ मिला है। जिक्रयोग्य है कि थाना सदर तरनतारन की पुलिस ने हरबंस सिंह निवासी गांव उबोके का फर्जी एनकाउंटर कर दिया था। उस दौरान पुलिस ने हरबंस के साथ एक अज्ञात व्यक्ति की भी हत्या की थी। यह मामला 1993 का है। मृत हरबंस सिंह के भाई निर्मल सिंह ने कानूनी लड़ाई लड़ी।
इस मामले की जांच सीबीआई द्वारा की गई। सीबीआई जांच में एनकाउंटर को फर्जी पाया गया जिसके चलते 25 जनवरी 1999 को सीबीआई पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। तरनतारन के थाना सदर के तत्कालीन प्रभारी एसआई पूर्ण सिंह, एएसआई जागीर सिंह और एएसआई जगतार, तत्कालीन हेड कांस्टेबल शमशेर सिंह ने 1993 में फर्जी पुलिस एनकाउंटर किया था।