चंडीगढ़ः पंजाबी गायक गुरदास मान को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। नकोदर में दर्ज धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में एफआईआर को रद्द करने और कैंसलेशन रिपोर्ट स्वीकार करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज हो गई है। हरजिंदर सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए बताया कि गुरदास मान ने लाडी शाह को गुरु अमरदास जी का वंशज बताया। साथ ही उनकी तुलना सद्गुरु से की जोकि सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करता है।
याचिका में कहा गया कि यह जगजाहिर है कि लाडी शाह सार्वजनिक रूप से नशा करते थे और निर्वस्त्र रहते थे जोकि सिख धर्म में मंजूर नहीं है। ऐसे व्यक्ति या डेरामुखी को सद्गुरु की संज्ञा देना सिख धर्म का अनादर है जोकि गुरदास मान ने किया है। गुरदास मान ने एक मेले में लाडी शाह को संबोधित करते हुए आनंद साहिब बानी की पहली पोरी का पाठ किया आनंद भया मेरी माये सतगुरु मय पाय। जोकि उन्होंने अपने फेसबुक पेज में भी पोस्ट किया था।
यही नहीं बात बिगड़ती देख उन्होंने सोशल मीडिया पर उक्त बयानों को लेकर पछतावा भी जाहिर किया था जिसे याचिका में नत्थी किया गया है। याची पक्ष का कहना है कि सेशन कोर्ट ने सबूतों को नजरअंदाज किया और उनकी समीक्षा तक नहीं की। याचिपाक्ष ने कहा कि उनके पास पुख्ता साबुत है जिसे देख कर साफ होता है कि गुरदास मान ने सीखो की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। याची पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका को सिरे से खारिज कर दिया है।
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