पटियालाः जिले में 24 मार्च को मानवी शर्मा की केक खाने से मौत हो गई थी। इस मामले में एक रिपोर्ट आई है, जिसमें हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। केक बनाने वाली यह बेकरी केक में सिंथेटिक स्वीटनर्स यानी कृत्रिम मिठास का इस्तेमाल करती थी। जिसके चलते मानवी की जान चली गई। 24 मार्च को मानवी ने जो केक खाया, उसमें भारी मात्रा में सिंथेटिक स्वीटनर पाया गया। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. विजय जिंदल ने न्यूज चैनल को बताया कि केक का एक नमूना परीक्षण के लिए एकत्र किया गया था और बाद की रिपोर्ट में सैकरीन (Saccharine) की मौजूदगी पाई गई। जो कि एक सिंथेटिक स्वीटनर यानि नकली मीठा है। जिसे केक और और पेस्ट्री में इस्तेमाल किया जाता है।
हालांकि सैकरीन का उपयोग आमतौर पर भोजन और पेय पदार्थों में कम मात्रा में किया जाता है, लेकिन यह बेहद खतरनाक है और अधिक मात्रा में सेवन करने पर हाई ब्लडप्रैशर की समस्या हो सकती है। जो जानलेवा साबित हो सकती है। बात दें कि 24 मार्च को केक खाने से 10 साल की मानवी की मौत हो गई थी। इस संबंध में मानवी के परिवार ने पुलिस से भी शिकायत की थी। लड़की के परिवार ने पुलिस को बताया था कि 24 मार्च को मानवी समेत पूरे परिवार ने केक खाया था। केक खाने के तुरंत बाद पूरे परिवार को उल्टियां होने लगीं, जबकि मानवी की तबीयत बिगड़ गई थी। कुछ देर बाद परिवार की तबीयत में सुधार हुआ, लेकिन मानवी की मौत हो गई थी।
पुलिस ने दुकान मालिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 273 और 304-ए (लापरवाही से मौत) सहित संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इसके अतिरिक्त, मौत का सटीक कारण निर्धारित करने के लिए विसरा के नमूने प्रयोगशाला में भेजे गए थे। बच्ची के दादा के मुताबिक, परिवार ने शाम करीब 6 बजे ऑनलाइन केक ऑर्डर किया था। 24 मार्च को रात करीब 11 बजे बाद केक खाने से पूरे घर बीमार हो गया था। केक से उनकी छोटी बच्ची बीमार पड़ गई थी, लेकिन सौभाग्य से वह बच गई, लेकिन मानवी को बचाया नहीं जा सका और जन्मदिन का जश्न मातम में बदल गया।
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