चंडीगढ़ : पंजाब में अनुसूचित जाति व जनजाति (एससी-एसटी) के जाली प्रमाण-पत्रों के आधार पर सरकारी नौकरी करने वालों की 1300 शिकायतें जांच में सही पाई गई हैं। अब इन पर गाज गिरना तय है। सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने स्पष्ट कर दिया कि इस मामले में दोषी पाए जाने वाले किसी भी मुलाजिम और अफसर को बख्शा नहीं जाएगा और ऐसे लोग सीधे बर्खास्त किए जाएंगे। पिछले दिनों अनुसूचित जाति संगठनों की तरफ से ही 3500 मुलाजिमों के नामों की फेहरिस्त सरकार को सौंपी गई है, जिन पर जाली एससी-एसटी सर्टिफिकेटों के सहारे सरकारी नौकरी हासिल करने और शिक्षा प्राप्ति में सरकारी लाभ हासिल करने का आरोप लगा है।
मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने इस संबंध में मिली शिकायतों के आधार पर जिलेवार जांच का जिम्मा विभाग के अधिकारियों को सौंपा था। इनमें से कई जिलों से शिकायतों की जांच रिपोर्ट मंत्री के पास पहुंच चुकी है। अब डॉ. बलजीत कौर ने बाकी जिलों में अधिकारियों को जल्द से जल्द जांच पूरी कर रिपोर्ट भेजने को कहा है। इसके बाद सभी दोषियों के खिलाफ सीधे कार्रवाई होगी।
अनुसूचित जाति संगठनों का दावा है कि 1500 से अधिक शिकायतें अब तक विभाग के पास लंबित हैं। सोमवार को डॉ. बलजीत कौर ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन शिकायतों की जांच मुकम्मल होने के बाद विजिलेंस सेल के पास रिपोर्ट पहुंच चुकी है, उनका तुरंत निपटारा करने की प्रक्रिया शुरु की जाए। इसके साथ ही उन्होंने विभिन्न जिलों में अधिकारियों को हिदायत दी है कि जिन शिकायतों की जांच जिला स्तर पर लंबित है, उनकी जांच रिपोर्टे तुरंत भेजें।
मंत्री ने बताया कि बैठक में कर्मचारियों की विभिन्न जत्थेबंदियों के प्रतिनिधियों ने उनके संज्ञान में लाया कि राज्य में अनेक लोग अनुसूचित जाति के जाली प्रमाणपत्र बनाकर नौकरी का लाभ ले रहे हैं और कई लोग तो उच्च पदों तक पहुंच चुके हैं। सोमवार को हुई बैठक में डॉ. बलजीत कौर के साथ सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रमेश कुमार गैंटा, विभाग के निदेशक दविंदर सिंह, निदेशक-व-संयुक्त सचिव राज बहादर सिंह और विभिन्न जत्थेबंदियों के प्रतिनिधि लखवीर सिंह, सरबजीत सिंह, हरनेक सिंह भी मौजूद रहे।