नई दिल्लीः जापान की राजनीति में बड़ा उल्टफेर होने वाला है, क्योंकि जापान के प्रधानमंत्री इशिबा ने पद छोड़ने का फैसला ले लिया है। इस्तीफे की वजह सत्तारूढ़ गठबंधन के संसद के ऊपरी सदन में बहुमत में नहीं आ पाना है। वर्ष 1955 के बाद पहली बार हुआ है कि गठबंधन की सरकार संसद के दोनों सदनों में अल्पमत में आई है। इसके चलते ही इशिबा पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ रहा था, जिसका परिणाम आ गया है।

जापान के सियासी गलियारों में चर्चा है कि इशिबा ने प्रधानमंत्री पद छोड़ने का फैसला सत्तारूढ़ पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) में फूट पड़ने और पार्टी को विभाजित होने से रोकने के लिए किया। राजनीतिक चुनौतियों का जवाब देने के लिए किया। क्योंकि पार्टी में काफी समय से आंतरिक कलह चल रहा था। पॉलिटिकल फंड की उगाही करने और घोटालों के आरोपों इशिबा को भी आलोचनाएं झेलनी पड़ रही थीं, इसलिए दबाव के चलते इशिबा पद छोड़ देंगे।
बता दें कि इशिबा के इस्तीफे से लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) में उत्तराधिकार की जंग छिड़ सकती है। अगर हालात बिगड़े तो जापान में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ सकती है। शिगेरु इशिबा ने अक्टूबर 2024 में पद संभाला था। फुमियो किशिदा के इस्तीफे के बाद उन्हें प्रधानमंत्री बनाया गया था, लेकिन उनकी सरकार को महंगाई और आर्थिक समस्याओं के चलते आलोचना झेलनी पड़ रही थी। नए दक्षिणपंथी दलों से भी इशिबा सरकार को कड़ी चुनौती मिल रही थी।