नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने चीन के तिआनजिन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मुलाकात की। यह मुलाकात शंघाई सहयोग संगठन समिट से पहले हुई। इस दौरान पीएम और जिनपिंग के बीच में करीब एक घंटे तक द्विपक्षीय बैठक चली। पीएम ने इस दौरान सीमा पर शांति, आपसी सहयोग और संबंधों की मजबूती पर जोर दिया है।
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दोनों देशों के बीच मजबूत होंगे संबंध
पीएम मोदी ने जिनपिंग के साथ हुई मुलाकात के दौरान कहा कि – ‘गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आपका आभार जताता हूं। पिछले साल कजान में हमारी बहुत ही सार्थक चर्चा हुई थी। हमारे संबंधों को एक सकारात्मक दिशा मिली है। सीमा पर डिसइंगेजमेंट के बाद शांति और स्थिरता का माहौल बना हुआ है। हमारे विशेष प्रतिनिधियों के बीच बॉर्डर मैनेजमेंट के संबंध में सहमति बनी है। कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरु हुई है। दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें फिर शुरु की जा रही हैं। हमारे साथ से दोनों देशों में 2.8 बिलियन लोग भी जुड़े हुए हैं और इससे पूरी मानवता के कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त होगा। परस्पर विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर हम अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि – चीन की ओर से एससीओ की सफल अध्यक्षता के लिए मैं आपको बधाई देता हूं’।
Sharing my remarks during meeting with President Xi Jinping. https://t.co/pw1OAMBWdc
— Narendra Modi (@narendramodi) August 31, 2025
चीन राष्ट्रपति जिनपिंग से मुलाकात के दौरान भारत की ओर से पीएम मोदी एनएसए अजीत डोभाल, विदेश सचिव विक्रम मिसरी, राजदूत प्रदीप रावत और जॉइंट सेक्रेटरी ईस्ट एशिया गौरांग लाल दास भी मौजूद रहे।
जिनपिंग से मिलकर खुशी हुई
इस मुलाकात में राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा है कि पीएम मोदी से मिलकर उन्हें खुशी हुई। उन्होंने आपसी संबंधों की मजबूती पर जोर देते हुए कहा कि कजान में पिछले साल हुई हमारी बैठक सफल रही है और भारत चीन के लिए साथ आना जरुरी है। जिनपिंग ने कहा कि हम आपसी सहयोग के लिए पूरी तरह से राजी हैं।
चीनी राष्ट्रपति का कहना है कि दुनिया परिवर्तन की ओर बढ़ रही है। चीन और भारत दो सबसे सभ्य देश हैं हम दुनिया के दो सबसे ज्यादा आबादी वाले देश हैं और ग्लोबल साउथ का हिस्सा भी हैं। उन्होंने कहा कि दोस्त बनाना, एक अच्छा पड़ोसी बनाना और ड्रैगन और हाथी का एक साथ आना बहुत जरुरी है।
पुतिन के साथ भी मिलेंगे पीएम
चीनी राष्ट्रपति ने कहा है कि – इस साल चीन-भारत राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है। दोनों देशों को अपने संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से संभालने की जरुरत है हमें बहुपक्षवाद, बहुध्रुवीय विश्व और अंतरराष्ट्रीय संस्थाों में लोकतंत्र को बनाए रखने की अपनी ऐतिहासिक जिम्मेदारियों को भी पूरा करना पड़ेगा। इसके अलावा एशिया और दुनिया भर में शांति और समृद्धि के लिए मिलकर काम करना पड़ेगा।
20 से ज्यादा देश होंगे SCO शिखर सम्मेलन में शामिल
पीएम मोदी SCO शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन में 20 से ज्यादा देशों के नेता मौजूद होंगे। चीन दौरे पर गए पीएम मोदी की सोमवार को रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भी मुलाकात होगी। पीएम मोदी की यह मुलाकात ऐसे समय में होगी जब भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर तनाव बढ़ चुका है। वहीं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपना दिल्ली का दौरा भी रद्द कर दिया है।