शहर की संस्थाएं एकजुट होकर बोलेंगी प्रशासन व सरकार पर हल्ला
श्रीराम सेना बददी शहर की जीवन रेखा को संवारने को लेकर संघर्षरत-जिंदल
बद्दी/सचिन बैंसल: इंडस्ट्रियल एरिया बददी की जीवन रेखा कहे जाने वाले बददी-साई मार्ग की बदहाली को लेकर अब सामाजिक संस्थाओं ने धरना प्रदर्शन करने का मन बनाया। पिछले लंबे अर्से से शहर के माल रोड कहे जाने वाले इस प्रमुख मार्ग की मरम्मत ही नहीं हो पाई फलस्वरुप यह मार्ग वाहन चलाना तो दूर पैदल चलने लायक भी नहीं बचा। प्रदेश में नई सरकार बने सवा दो साल हो गए हैं लेकिन इस प्रमुख मार्ग का भाग्य परिवर्तन नहीं हुआ। न ही सत्तापक्ष इसको संवारने को लेकर गंभीर है और न ही विपक्ष इस मुख्य मार्ग को लेकर मुददा उठाने को लेकर सजग है।
जब कोई आस नहीं बची तो बददी शहर की एक दर्जन सामाजिक संस्थाओं ने एक बैनर के नीचे आकर इस सडक़ को लेकर सडक़ों पर उतरने का निर्णय लिया है। सामाजिक संस्था श्रीराम सेना ने सरकार व प्रशासन के उदासीन रवैये से आहत होकर 27 मार्च को धरना देने का निर्णय लिया है ताकि सोई हुई व्यवस्था को जगाया जा सके। श्रीराम सेना के प्रांत संयोजक राजेश जिंदल व संदीप कुमार सचदेवा ने बताया कि इस दिन सिटी स्क्वायर कांपलेक्स के बार सरकार को जगाने के लिए एक घंटे भूखे पेट धरना दिया जाएगा। उसके बाद भारी संख्या में लोग एसडीएम आफिस तक पैदल जाएंगे और लोक निर्माण विभाग के साथ साथ उपमंडलाधिकारी नागरिक को इस बाबत ज्ञापन देंगे।
जब किसी ने नहीं सुनी तो लिया निर्णय-राजेश
राजेश जिंदल ने कहा कि हमने दो साल तक सरकार व प्रशासन का इंतजार किया इस सडक़ को संवारा जाएगा और इसको सोलन, पालमपुर, धर्मशाला, चंबा व शिमला की तर्ज पर मालरोड क रुप में विकसित किया जाएगा लेकिन नतीजा वही ढ़ाक के तीन पात। राजेश ने कहा कि हमारी टीम ने सर्वे किया था जिसमें 269 गडढ़े पाए गए थे। देश की आर्थिक राजधानी की सडक़ों की हालत के लिए सरकार व लोक निर्माण विभाग जिम्मेदार है। उन्होने कहा कि आज जो सडक माल रोड होना चाहिए था वो कचरा रोड़ बन चुका है।