पंचकूलाः रायपुररानी खंड के अंतर्गत आने वाले गांव मौली में रविवार को हुए दलित समाज के विवाह के बाद से पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल है। इस विवाह के आयोजन के बाद से ही गांव में दलित समाज के लोगों को क्षत्रिय समाज द्वारा प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है। खासकर दलित महिलाओं, बच्चियों और युवाओं को निशाना बनाया जा रहा है, जिससे समाज में आक्रोश व्याप्त है। मंगलवार को दलित समाज के लोगों ने रायपुररानी थाने का घेराव कर दिया। बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होकर थाने के बाहर पहुंचे और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। आरोपी है कि उनकी बहू -बेटियों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है।
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— Encounter India (@Encounter_India) April 9, 2025
इस मामले को लेकर पुलिस थाने का लोगों द्वारा घेराव किया गया। उत्पीड़न के विरोध में मौली गांव में सैकड़ों दलित समाज के लोग एकजुट होकर करीब 5 किलोमीटर पैदल चलकर रायपुररानी थाना पहुंचे। वहां पहुंचकर उन्होंने थाना परिसर का घेराव किया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी लोगों की मांग थी कि उन्हें गांव में सुरक्षा प्रदान की जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। इस दौरान रायपुररानी थाना में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।
प्रदर्शन में दलित समाज के कई प्रमुख नेता भी शामिल हुए, जिनमें भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष शुभम, प्रदेश उपाध्यक्ष कमल बराड़ा और रूबल आजाद (विवाह के दूल्हा) प्रमुख रूप से मौजूद रहे। इन नेताओं ने आरोप लगाया कि दलितों को अपने मौलिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है और समाज के कुछ प्रभावशाली लोग जातीय अहंकार के चलते उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि गांव में हालात बेहद तनावपूर्ण हैं और जब तक दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होती, वे थाना परिसर से नहीं हटेंगे। प्रदर्शन कर रहे लोगों की एक प्रमुख मांग यह है कि पंचकूला के पुलिस कमिश्नर को रायपुररानी थाना बुलाया जाए।