नई दिल्ली: भारत में फैटी लिवर धीरे-धीरे फैल रहा है। चौंकाने वाली बात यहां पर यह है कि सबसे ज्यादा इस बीमारी की चपेट में देश के युवा हैं। ऐसा हम नहीं बल्कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने संसद में हैरान करने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की एक स्टडी के अनुसार हैदराबाद में आईटी सैक्टर में काम करने वाले 84% से ज्यादा वर्कर्स फैटी लिवर की परेशानी से जूझ रहे हैं। इस खुलासे ने सभी को चौंका दिया हैं क्योंकि आईटी सेक्टर में ज्यादातर 25 से 45 साल की उम्र के लोग ही काम कर रहे हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि फैटी लिवर कितनी गंभीर बीमारी है और आखिर ये डेस्क जॉब या युवाओं को ही आखिर अपनी चपेट में ले रही है।
आखिर क्या होता है फैटी लिवर?
अगर आपने फैटी लिवर का नाम पहली बार सुना है तो आपको बता दें कि जब हमारे शरीर में जरुरत से ज्यादा फैटी लिवर जमा हो जाए तो उसको फैटी लिवर कहते हैं। इस बीमारी की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि शुरुआत में इस बीमारी का कोई लक्षण नहीं नजर आता पर समय के साथ ये धीरे-धीरे आपके लिवर को डैमेज कर देती है और सूजन सिरोसिस जैसी बीमारियों का कारण बनेगी। फैटी लिवर को स्टीटोसिस भी कहते हैं और ये दो तरह का होता है।
अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (Alcoholic Fatty Liver Disease)
अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज उन लोगों को ज्यादा होती है जो लिमिट से ज्यादा शराब पीते हैं।
नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (Non Alcoholic Fatty Liver Disease) (NAFLD)
ऐसा नहीं होता कि सिर्फ पानी पीने से ही फैटी लिवर हो। मोटापा, डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण भी फैटी लिवर होता है। इसको नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज कहते हैं। आपको बता दें कि अब शराब पिए बिना लिवर से जुड़ी जो बीमारियां होती हैं वो सब अब एनएएफएलडी (NAFLD) के अंदर आती है।
आने वाले टाइम में जनरेशन को होगा नुकसान
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने संसद में यह बताया है कि सरकार की ओर से मेटाबोलिक डिसफंक्शन से जुड़ी फैटी लिवर डिजीज को लेकर जागरुकता बढ़ाने और हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाने के लिए एक ऑपरेशनल गाइडलाइन भी जारी हुई है। जगत प्रकाश नड्डा की ओर से सभी राज्यों को जांच के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने एक चेतावनी भी दी है। उन्होंने कहा कि ये एक बड़ा स्वास्थ्य खतरे की ओर इशारा करता है। यदि समय रहते लाइफस्टाइल में बदलाव नहीं हुए तो आने वाले समय में देश के युवा जनरेशन की हेल्थ को बड़ा नुकसान पहुंचेगा।
फास्ट फूड ने बिगाड़ी आदत
सिर्फ शराब पीने या डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल ही फैटी लिवर का कारण नहीं है। आईसीएमआर ने भी एक रिसर्च की थी। इसके अनुसार, हफ्ते में फास्ट फूड खाने वाले लोगों में 76.3% लोगों में फैटी मिला है। जयपुर की तीन तहसीलों में हुई रिसर्च में 37.2 फीसदी लोगों में फैटी लिवर पाया गया है और इसमें महिलाओं के मुकाबले में पुरुषों की संख्या ज्यादा पाई गई है।
इस वजह से आईटी वर्कर्स फैटी लिवर से ग्रस्त
. ऑफिस के बिजी शैड्यूल में जल्दी-जल्दी फास्ट फूड, पैकेज्ड स्नैक्स और कोल्ड ड्रिंक रोज की डाइट का हिस्सा बन गई है।
. वहीं कुछ लोग स्ट्रेस को कम करने के लिए वीकेंड या फिर रोज ही शराब पी लेते हैं और कुछ लोग स्ट्रेस को मीठी चीजें खाकर स्लो करते हैं। इन दोनों के ज्यादा सेवन से लिवर पर असर पड़ता है।
. आईटी वर्कर्स डेली 8-10 घंटे कंप्यूटर के सामने बैठे रहते हैं। इससे उनकी फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है।
. काम का दबाव, रात की शिफ्ट और ज्यादा तनाव से भी नींद पर असर पड़ता है जिससे शरीर का मेटाबॉल्जिम बिगड़ जाता है।
कारण
एक्सपर्ट्स के अनुसार, शराब न पीने के कारण भी लोग फैटी लिवर का शिकार हो रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है अनहेल्दी लाइफस्टाइल और मोटापा।
लक्षण
वैसे तो फैटी लिवर के लक्षण नजर नहीं आते परंतु जब लक्षण दिखते हैं तो हालत बिगड़ जाते हैं। जैसे कि भूख में कमी, पीलिया होना, डॉर्क कलर का पेशाब आना, पेट और पैरों में सूजन होना ।
ऐसे करें बचाव
. अपने लाइफस्टाइल हेल्दी रखें।
. नींद पूरी लें।
. लिवर फंक्शन टेस्ट करवाएं।
. हाइड्रेटेड रहें और स्ट्रेस से दूर रहें।
. शराब न पिएं।
. एक्सरसाइज जरुर करें।