जालंधर (ens): देश के विभाजन के समय पंजाब से मुस्लिम समुदाय के लोग भारत छोड़ पाकिस्तान जा बसे थे। जिला जालंधर में ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोगो का निवास था, जो पाकिस्तान चले गए थे। जिनमे Pakistani Army Chief असीम मुनीर का परिवार भी शामिल था। वह एक पंजाबी मुस्लिम सैयद परिवार से ताल्लुक रखता है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक देश के बंटवारे से पहले मुनीर का परिवार जालंधर में रहता था। भारत में भड़के दंगो में जनरल मुनीर के पिता, सैयद सरवर मुनीर, अपने परिवार के साथ पाकिस्तान चला गया था। जहा पहले उनका परिवार पाकिस्तानी पंजाब के तोबा टेक सिंह जिले में कुछ समय तक रहा, फिर रावलपिंडी के ढेरी हसनाबाद इलाके में बस गए।
जालंधर शहर के बीचों बीच सबसे पुराना इलाका काजी मोहल्ला है, जहां 1947 से पहले सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लोग रहते थे और उस समय शहर का काजी जिसकी कोठी आज भी काजी मोहल्ला में है वह कोठी में रहता था। असीम मुनीर का पारिवारिक इतिहास भारत के पंजाब से जुड़ा हुआ है। पाकिस्तान के आर्मी मार्शल चीफ असीम मुनीर शुरू से ही भारत के खिलाफ साजिशे रचने वाले कट्टर विरोधी रहे है।
काजी मोहल्ला के साथ किला मोहल्ला के रहने वाले 79 वर्षीय हरप्रीत का कहना है कि मोहल्ला में सभी मुस्लिम समुदाय के लोग रहते थे। जो पार्टीशन के बाद मोहल्ला छोड़ पाकिस्तान चले गए थे। जिसमे असीम मुनीर का परिवार भी शामिल था। काजी मोहल्ला के साथ बाजार में केमिस्ट की दुकान चलाने वाले अनिल खेड़ा ने बताया कि 1894 में पंजाब में पहली केमिस्ट की दुकान उनके परिवार द्वारा खोली गई थी। उसे पिता से पता चला था कि काजी मोहल्ला में सभी मुस्लिम परिवार रहते थे और बाजार के चौक में मुस्लिम लोग टांगा और सब्जियों की दुकान में सब्जी बेचने का काम करते थे।
इस मामले मे जानकारी देते हुए पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया ने कहा कि आजादी के बाद भारत और पाकिस्तान बना था। पंजाब का जालंधर शहर के कई इलाके मुस्लिम लोग रहते थे। जिनमे काजी मोहल्ला, अली मोहल्ला, चाहार बाघ इस्लामाबाद जैसे सभी इलाकों मे मुस्लिम समुदाय के लोग थे। उन्हें पता चला है कि मुनीर का परिवार काजी मोहल्ला में रहता था।
कालिया ने कहा कि पाकिस्तान की नींव दुश्मनी पर रखी गई है और मुनीर की भाषणबाजी से लगता है कि पहलगाम में आतंकी हमला मुनीर का किया धरा है। कई लोग मुस्लिम समुदाय में कन्वर्ट हो गए और यह लोग बाहर से नहीं आई उनकी 8 से 10 पुश्तें हिन्दू धर्म से ही है। असीम मुनीर की पुश्ते भी हिन्दू धर्म से ही थी।
जामा मस्जिद के गद्दी नशीन (सज्जादा नशीन) सैयद नासिर उदीन पीरजादा ने कहा कि जामा मस्जिद में सभी मुस्लिम लोग नमाज पढ़ने आते थे। जालंधर में 85 प्रतिशत मुसलमान थे और 12 बस्तियां भी मुस्लिम समुदाय की ही थी। के पार्टीशन के बाद तकरीबन मुस्लिम समुदाय के लोग परिवार सहित पाकिस्तान चले गए थे। असीम मुनीर को लेकर कहा कि यह राजनीतिक मामला है। इसके बारे में कुछ नहीं बोल सकते।