नई दिल्लीः 18वीं लोकसभा के पहले सत्र का आज तीसरा दिन है। पिछले दो दिनों की कार्यवाही में निर्वाचित सांसदों ने सदन के सदस्यता की शपथ ली। साथ ही साथ लोकसभा के अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों का ऐलान किया गया। एनडीए की तरफ से ओम बिरला और इंडिया गठबंधन की तरफ से कांग्रेस सांसद के सुरेश को उतारा गया। आज स्पीकर का चुनाव हुआ जिसमें ओम बिरला स्पीकर चुने गए। ये एक ऐतिहासिक क्षण था क्योंकि बीजेपी से लगातार दूसरी बार एक ही व्यक्ति का स्पीकर चुने जाने का ये पहला मौका होगा। वहीं आज स्पीकर पद संभालने के बाद ओम बिरला ने कहा कि इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाई, उसकी वह कड़े शब्दों में निंदा करते है। जिसके बाद विपक्ष द्वारा सदन में हंगामा शुरू हो गया।
स्पीकर ओम बिरला ने कहाकि आपातकाल भारत के इतिहास में एक काला धब्बा है। उन्होंंने कहा कि कांग्रेस ने संविधान की भावना को कुचला है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, “यह सदन 1975 में आपातकाल लगाने के फैसले की कड़ी निंदा करता है। इसके साथ ही हम उन सभी लोगों के दृढ़ संकल्प की सराहना करते हैं जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया, संघर्ष किया और भारत के लोकतंत्र की रक्षा का दायित्व निभाया। 25 जून 1975 को भारत के इतिहास में हमेशा एक काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा।”
उन्होंने कहा कि इस दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया था और बाबा साहब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान पर हमला किया था। भारत को पूरी दुनिया में लोकतंत्र की जननी के रूप में जाना जाता है। भारत में हमेशा से ही लोकतांत्रिक मूल्यों और वाद-विवाद का समर्थन किया गया है। लोकतांत्रिक मूल्यों की हमेशा रक्षा की गई है, उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया गया है। ऐसे भारत पर इंदिरा गांधी द्वारा तानाशाही थोपी गई थी। भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचला गया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटा गया।”
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