कार्यशाला में जलभराव, भूस्खलन एवं सुरक्षित निर्माण पर हुई चर्चा
ऊना/सुशील पंडित: हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन एवं प्राधिकरण, शिमला के दिशा-निर्देशानुसार आज (शुक्रवार) को होटल हेवन हाइट्स, गगरेट में अंतर्राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस एवं जन जागरूकता अभियान समर्थ 2025 के तहत एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। यह कार्यशाला जिला इंटर एजेंसी ग्रुप एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, ऊना के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुई।
कार्यशाला की अध्यक्षता तहसीलदार एवं कार्यकारी दंडाधिकारी गगरेट कुलताज सिंह ने की। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जिला ऊना में बढ़ती जलभराव की समस्या, उसके कारणों, संभावित समाधानों और नीतिगत हस्तक्षेपों पर विचार-विमर्श करना है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला के दौरान भूस्खलन, सुरक्षित निर्माण अभ्यास और आपदा प्रबंधन से जुड़ी अन्य चुनौतियों पर भी चर्चा की गई, ताकि भविष्य में जान-माल के नुकसान को न्यूनतम किया जा सके। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2023 और 2025 के दौरान आई प्राकृतिक आपदाओं ने यह स्पष्ट किया है कि आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूकता और तैयारी ही नुकसान को कम करने का सर्वोत्तम उपाय है।
जिला इंटर एजेंसी ग्रुप, ऊना के कन्वीनर प्रो. जसबीर सिंह ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व अन्य विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में जलभराव, भूस्खलन, जंगल की आग जैसी आपदाओं के कारणों और उनसे निपटने की रणनीतियों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, उपायुक्त कार्यालय ऊना के प्रशिक्षण समन्वयक राजन कुमार शर्मा ने जिला ऊना की विभिन्न आपदाओं और हैज़र्ड प्रोफाइल पर विस्तृत प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (प्प्प्ज्), ऊना के डॉ. प्रिंस शर्मा एवं उनकी टीम ने आपदा प्रबंधन में तकनीकी नवाचारों और सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग पर सत्र संचालित किया। इसी सत्र में हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग, दौलतपुर चौक के कनिष्ठ अभियंता गौरव ने सुरक्षित निर्माण अभ्यास से संबंधित तकनीकी बिंदुओं पर प्रतिभागियों के साथ संवाद किया।
इस अवसर पर तहसील कार्यालय घनारी से कानूनगो सतीश चौधरी, जिला इंटर एजेंसी ग्रुप के सदस्य, गैर सरकारी संगठन अंकुर, मनीषा, एनजीओ एक मौका, एक उम्मीद के सदस्य और स्थानीय आपदा प्रबंधन के स्वयंसेवी उपस्थित रही।