नई दिल्लीः हाइवे पर अक्सर दुर्घटना होने के बाद एम्बुलेंस आने में देर हो जाती है। कई बार तो इस देरी की वजह से दुर्घटनाग्रस्त लोगों की जान पर बन आती है, लेकिन अब हाइवे पर यदि एम्बुलेंस लेट से पहुंचती है तो एम्बुलेंस तैनाती एजेंसियों पर जुर्माना लगेगा। न्यूज एजेंसी के अनुसार एम्बुलेंस तैनाती एजेंसियों पर ‘गोल्डन ऑवर’ के भीतर दुर्घटना पीड़ितों को निकटतम अस्पतालों में स्थानांतरित करने के लिए सेवा प्रदान करने में विफलता के लिए जुर्माना लगाया जाएगा।
गोल्डन ऑवर’ चोट के तुरंत बाद की अवधि है, इस दौरान अधिकतम संभावना होती है कि तत्काल चिकित्सा और सर्जिकल हस्तक्षेप पीड़ित की मृत्यु को रोक देगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने बुधवार को घटना प्रबंधन और नियमों को मजबूत करने के लिए इन प्रावधानों को लागू करने का आदेश जारी किया है। जारी सर्कुलर में कहा गया है कि सिविल ठेकेदार या एजेंसियों द्वारा तैनात एम्बुलेंस को दुर्घटना पीड़ितों को बिना किसी देरी के इलाज के लिए निकटतम चिकित्सा देखभाल केंद्र तक पहुंचाना चाहिए।
सर्कुलर में आगे कहा गया है कि अगर एम्बुलेंस सेवा प्रदाता अगर पहली बार नियम को तोड़ते पाए गए तो 10,000 रुपये का जुर्माना लगेगा, दूसरी बार 25,000 रुपये और तीसरी बार यह जुर्माना 1 लाख रुपये का लगेगा। NHAI ने कहा कि तीसरी बार नियम तोड़ने को अंतिम चेतावनी के रूप में माना जाएगा। इसके बाद सिविल ठेकेदार या एजेंसियां कार्रवाई के लिए जिम्मेदार होगी।
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