ऊना / सुशील पंडित : केंद्र सरकार ने जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट(जेडईडी) सर्टिफिकेशन योजना को अब दोबारा नए रूप में लॉन्च किया है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए चलाई गई इस योजना का उद्देश्य छोटे-मझोले उद्यमों में वेस्टेज को कम करते हुए उन्हें पर्यावरण हितैषी तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। जेडईडी सर्टिफिकेशन अपनाने वाले उद्योगों को सरकार कई तरह की सुविधाएं भी प्रदान करेगी।
केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने जेडईडी योजना के नए संस्करण को लॉन्च करते हुए कहा कि इस योजना का उद्देश्य न केवल वेस्टेज को कम करते हुए उत्पादकता बढ़ाना है बल्कि उद्यमियों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित भी करना है। उन्होंने कहा कि जेडईडी सर्टिफिकेशन भारतीय कंपनियों को वैश्विक कंपनियों से मुकाबला करने में सक्षम तो बनाएगा ही, साथ ही व्यवसाय के लिए पूंजी जुटाने में भी मदद करेगा।
क्या है जैडईडी सर्टिफिकेशन
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की उत्पादकता को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण में उनका योगदान बढ़ाने के लिए इस स्कीम को लॉन्च किया गया है। जेडईडी सर्टिफिकेशन प्राप्त करने के लिए कुछ मानक तय किए हैं जिनका पालन करना उद्यमियों के अनिवार्य बनाया गया है। इस अवसर पर जीएम डीआईसी अंशुल धीमान, सलाहकार एवं प्रशिक्षक जैडईडी भरत वैभव, अध्यक्ष हरोली ब्लाॅक इंडस्ट्री सुरेश शर्मा व गगरेट इंडस्ट्रियल संघ अध्यक्ष प्रमोद शर्मा तथा मैहतपुर इंडस्ट्रियल एशोसिएशन पदाधिकारी उपस्थित थे।
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