हरिद्वार : उत्तराखंड के हरिद्वार में बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर मौजूद है। यहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु पूजा पाठ करने के लिए आते हैं। इस मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग है। इस प्राचीन बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर से बहुत सी प्राचीन कहानियां जुड़ी हैं। इस मंदिर में कई चीजें ऐसी हैं, जो प्राचीन हैं और देखने योग्य हैं। लोगों की मान्यताओं के अनुसार, इस स्थान की कहानी माता गौरी और भोले शंकर से जुड़ी हुई है। वहीं, इसी मंदिर में प्राचीन पेड़ के नीचे बैठकर माता गौरी ने 3000 साल तक तपस्या की थी। जबकि हम सभी ने सुना है कि माता गौरी ने भोलेनाथ को पति रूप में पाने के लिए कई हजार साल तपस्या की थी।
बता दें कि बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर में प्राचीन पेड़ के पास प्राचीन स्वयंभू शिवलिंग स्थित है। प्राचीन शिवलिंग की पूजा करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि स्वयंभू शिवलिंग की पूजा करने से सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। साथ ही इस मंदिर में प्राचीन स्वयंभू शिवलिंग पर गंगा जल, फूल और बेलपत्र चढ़ाने से भोले शंकर प्रसन्न होते हैं और बिना मांगे ही श्रद्धालु की हर मनोकामना पूरी कर देते हैं। इस प्राचीन स्थान का वर्णन कई धार्मिक ग्रंथों में किया गया है। इस मंदिर में ज्यादातर श्रद्धालु हिमाचल प्रदेश से आते हैं।