तेलंगानाः हिंदी फिल्मों में दिखाया जाता है कि पुलिस अक्सर देर से पहुंचती है और तब तक घटना घटित हो चुकी होती है। असल जिंदगी में ठीक इसके उलट पुलिस ने समय पर पहुंचकर एक एटीएम रॉबरी को होने से बचा लिया। इस मामले पर तेलंगाना पुलिस का कहना है कि अगर हम 30 सेकेंड और लेट हो जाते तो कुछ भी हो सकता था।
तेलंगाना पुलिस ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम को निशाना बनाकर लूटे गए सारे पैसे को वह सही समय पर पहुंचकर बचाने में कामयाब रही। जगतियाल के पुलिस अधीक्षक सिंधु शर्मा ने मीडिया चैनल को बताया कि अगर हमारी टीम 30 सेकंड की भी देर कर देती तो उन वो गिरोह पैसे लेकर चंपत भी हो सकता था।
क्या है मामला?
दरअसल, जगतियाल कस्बे में पिछली रात करीब 1 बजे के आसपास एक गिरोह ने बैंक के एटीएम को लूट लिया। इसके बाद नकदी से भरे बक्से को ये लोग अपने वाहन पर लोड करने में सफल हो गए। अपनी पहचान से बचने के लिए गिरोह के लोगों ने सीसीटीवी कैमरे पर पेंट छिड़क दिया था।
चोरों के भागने से 30 सेकेंड पहले पहुंची पुलिस
गनीमत ये रही कि ये बैंक अलार्म सिस्टम से जुड़ा हुआ था। चोरी होने के बाद नजदीक के पुलिस थाने में अलार्म बजा तो एक पुलिसकर्मी ने पास की पेट्रोलिंग टीम को आगाह कर दिया। इसके बाद चोरों के भागने से 30 सेकेंड पहले ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और चोरी के पैसे बरामद कर लिए। इस भगदड़ भरे माहौल में कैश से भरे तीन बॉक्स सड़क पर गिर गए और चौथे बक्से से कैश निकलकर सड़क पर फैल गया। इस दौरान वहां पर अफरा तफरी और भगदड़ का माहौल बन गया था। हालांकि पुलिस पूरी नकदी बरामद करने में सफल रही। कहा जा रहा है कि ये पूरी रकम 19 लाख रुपये के आसपास थी।
क्या कहना है पुलिस का?
इस मामले पर पुलिस अधीक्षक सिंधु शर्मा का कहना है कि हमें हरियाणा या उत्तर प्रदेश के अंतरराज्यीय गिरोह का हाथ होने का शक है। यहां के गिरोह गैस से एटीएम काटने में माहिर होते हैं। पुलिस के शक है कि इस पूरी वारदाता के पीछे 6 से 7 लोगों का हाथ है क्योंकि इलाके के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज में कुछ संदिग्ध पाए गए हैं। आमतौर पर अपराधी उन बैंक या एटीएम को निशाना बनाते हैं जिसमें अलार्म सिस्टम नहीं होता है। इस मामले में चोरों को यकीन था कि ये लोग पुलिस के आने से पहले भाग सकते हैं।