‘शिवस्तोत्र सिंधु’ पुस्तक का किया विमोचन
ऊना/सुशील पंडित: जिला भाषा अधिकारी कार्यालय ऊना द्वारा पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी जयंती पर लता मंगेशकर कला केंद्र, समूरकलां में एक भव्य साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर भारत के प्रसिद्ध साहित्यकार प्रो. सुरेश सेठ ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में हिमाचल प्रदेश के सुप्रसिद्ध विद्वान डॉ. प्रेम लाल गौतम, विशिष्ट अतिथि के रूप में जेएनयू, नई दिल्ली के संस्कृत विभाग के प्रो. डॉ. कृष्णमोहन पांडेय और मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रपति सम्मान प्राप्त डॉ. धर्मपाल साहिल (सदस्य, गृह मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति, भारत सरकार) उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन से किया गया। जिला भाषा अधिकारी निकू राम ने सभी अतिथियों एवं साहित्यकारों का स्वागत करते हुए साहित्यकारों से सामाजिक सरोकारों को लेकर सकारात्मक साहित्य सृजन करने का आग्रह किया।
इस अवसर पर हिमाचल कला, भाषा एवं संस्कृति अकादमी के सदस्य व वरिष्ठ साहित्यकार जाहिद अबरोल द्वारा रचित पुस्तक ‘शिवस्तोत्र सिंधु’ का विमोचन भी किया गया। यह पुस्तक भगवान शिव के संस्कृत स्तोत्रों, ऋग्वेद के तीन सूक्तों और अन्य मंत्रों का उर्दू अनुवाद प्रस्तुत करती है, जो संस्कृत और उर्दू जैसी समृद्ध भाषाओं के बीच एक सांस्कृतिक सेतु का कार्य करती है।
कार्यक्रम के पहले सत्र में “पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी का साहित्य एवं हिमाचल से उनका संबंध” विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई। इस सत्र में डॉ. राज कुमार एवं अशोक कालिया द्वारा शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।
मुख्य वक्ता डॉ. धर्मपाल साहिल ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि गुलेरी जी के गाँव में आज भी जातिगत भेदभाव से परे आपसी सद्भाव देखने को मिलता है, जो उनके साहित्यिक विचारों की जीवंत झलक है।
प्रो. सुरेश सेठ ने कहा कि डिजिटल युग में पुस्तक पठन की परंपरा को पुनर्जीवित करना अत्यंत आवश्यक है, जिससे मानसिक और शारीरिक समस्याओं से भी मुक्ति मिल सके। विशिष्ट अतिथि डॉ. कृष्णमोहन पांडेय ने ‘शिवस्तोत्र सिंधु’ को भाषायी और सांस्कृतिक सेतु बताते हुए इसकी साहित्यिक महत्ता को रेखांकित किया।
मुख्य अतिथि डॉ. प्रेम लाल गौतम ने गुलेरी की रचनाओं में प्रयुक्त पहाड़ी शब्दों और लोकसंस्कृति पर प्रकाश डाला।दूसरे सत्र में कवि सम्मेलन ने बिखेरे साहित्यिक रंग कार्यक्रम के दूसरे सत्र में एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश के अनेक कवियों ने भाग लिया। अपनी रचनाओं से श्रोताओं को भावविभोर करने वाले कवियों में सुरेंद्र सेठ, डॉ. अर्पना, कृष्ण कुमार, सूरम सिंह, डॉ. योगेश चंद्र सूद, किशोरी लाल बैन्स, डॉ. बालकृष्ण सोनी, ओम प्रकाश शर्मा, विशाली भारद्वाज, दिनेश कुमार, ओम देवी सैनी, मनोहर भट्टी, रामपाल और राजेंद्र कुमार कौशल शामिल रहे।