सोलनः हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण कुछ इमारतें गिरने की घटनाएं सामने आ रही है। लगातार हो रही बारिश के कारण शिमला-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर 5 जगहों पर भूस्खलन होने के कारण यातायात को एक ही लेन पर मोड़ा गया, जिससे जाम लग गया। सोलन जिले के कोटी के पास चक्की मोड़ पर भी राजमार्ग पर यही स्थिति रही, वहां भी सड़क पर पत्थर गिरने के कारण यातायात बाधित हो गया और यात्रियों को एक लेन से धीमी गति से वाहन चलाने को मजबूर होना पड़ा। सोलन के डेलगी में भूस्खलन के कारण सुबाथू-वाकनाघाट मार्ग भी बंद हो गया। अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन सड़क को साफ करने में जुटा है।
उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने चक्की मोड़ का निरीक्षण किया। वहीं भारी बारिश के बीच सोलन के वाकनाघाट–ममलीग सड़क पर गरू गांव के पास भारी भूस्खलन हुआ। इस घटना से रोड बंद हो गया। वहीं शिमला-नालागढ़ रोड पर लैंडस्लाइड की वजह से आवाजाही बाधित हो गई। कई इलाकों में भूस्खलन हुआ और सड़कें अवरुद्ध हो गईं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, भारी बारिश के कारण बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन के कारण मंडी में 129 और सिरमौर जिले में 92 सहित राज्य में 259 सड़कें बंद हो गईं। 614 ट्रांसफार्मर और 130 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हो गईं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, 20 जून को मानसून के आगमन के बाद से अब तक राज्य में सालाजनित घटनाओं में 23 लोगों की मौत हो चुकी है।
जून में औसत 135 मिलीमीटर बारिश हुई जबकि सामान्य रूप से 101 मिलीमीटर बारिश होती है। यहां 1901 के बाद से राज्य में जून के महीने में 21वीं बार सबसे अधिक बारिश है। राज्य में 1971 में सबसे अधिक 252.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। मानसून की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने पर्यटकों और निवासियों से मौसम संबंधी सलाह का पालन करने और नदियों और झरनों के पास जाने से बचने का आग्रह किया तथा राज्य भर के उपसंभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को सतर्क रहने का निर्देश दिया। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को निर्देश दिए कि वे बारिश के दौरान इस स्थान पर यातायात अवरोध से बचने के लिए आवश्यक उपकरण और मशीनरी की चौबीसों घंटे तैनाती करें। मौसम विभाग ने सोमवार सुबह चेतावनी दी कि अगले 24 घंटों में चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों के कुछ हिस्सों में मध्यम से तेज बाढ़ आने का खतरा है।
सैंज-लुहरी के बीच डंगा ढह जाने से NH 305 भी बंद हुआ। अगले 3 घंटों में बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन, ऊना जिलों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। सैंज-लुहरी हिमाचल प्रदेश में दो स्थान हैं। सैंज, कुल्लू जिले का एक उप-मंडल है, जबकि लुहरी, शिमला जिले का एक क्षेत्र है। हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में बुधवार को भारी बारिश का ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया गया है और छह जुलाई तक पहाड़ी राज्य में बारिश का अनुमान जताया गया है। मंडी में 70 से 80 गाड़ियां टनल के अंदर है, जिसमे लगभग 250 से 300 लोगों को मार्ग बाधित होने की वजह से रोका गया है। जिनके खाने की व्यवस्था प्रशासन हणोगी माता मंदिर ने की है, बताया जा रहा है कि रात तकरीबन 12 बजे हणोगी और पंडोह वाली साइड बंद हुई। उसके बाद लोग न ही कुल्लू की ओर वापिस जा पा रहे है और न ही मंडी की तरफ जा पा रहे हैं. फिलहाल टनल के पास फसे सभी लोग सुरक्षित हैं। अब तक एक कि मौत, 12 से 13 लोग लापता, 11 लोगों का अलग अलग जगह पर इलाज किया जा रहा है।