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Punjab News: यह जिला बनेगा पहला कचरा-मुक्त शहर, दिसंबर से शुरू होगा विशेष Pilot Project

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Highlights:

  1. खन्ना को पंजाब का पहला कचरा-मुक्त शहर बनाने का प्रयास, 1 दिसंबर से शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट।
  2. हर घर से गीला और सूखा कचरा अलग-अलग एकत्र किया जाएगा।
  3. 60 मिनट के भीतर कचरे से संबंधित शिकायतों पर कार्रवाई के लिए शिकायत केंद्र की स्थापना।

चंडीगढ़, 6 नवंबर 2024: पंजाब में स्वच्छता और पर्यावरण सुधार के प्रयासों को बढ़ावा देते हुए राज्य सरकार ने खन्ना को पहला कचरा-मुक्त शहर बनाने का निर्णय लिया है। उद्योग मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंड ने इस महत्वपूर्ण पायलट प्रोजेक्ट की घोषणा की, जो 1 दिसंबर 2024 से खन्ना शहर में शुरू किया जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य पूरे पंजाब को कचरा-मुक्त बनाना है और खन्ना इसका पहला मॉडल शहर होगा।

इस परियोजना के लिए पंजाब सरकार ने 4 करोड़ 8 लाख 12 हजार 850 रुपये का बजट आवंटित किया है। सोंड ने कहा कि इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन के बाद इसे पंजाब के अन्य शहरों में भी लागू किया जाएगा, ताकि “रंगला पंजाब” का सपना साकार हो सके।

गीला और सूखा कचरा अलग-अलग संग्रहण

परियोजना के तहत खन्ना के प्रत्येक वार्ड में हर घर से गीला और सूखा कचरा अलग-अलग एकत्र किया जाएगा। इसके लिए, शहर के निवासियों, व्यापारियों और सड़क विक्रेताओं को एक विशेष उपयोगकर्ता नंबर प्रदान किया जाएगा, जो उन्हें एक मोबाइल ऐप से जोड़ेगा। इस ऐप के माध्यम से कचरा संग्रहण शुल्क के लिए उपयोगकर्ताओं को एक न्यूनतम शुल्क संदेश (SMS) द्वारा भेजा जाएगा, जिसे वे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से जमा कर सकेंगे।

यह पहल न केवल स्वच्छता को बढ़ावा देगी बल्कि कचरा प्रबंधन में एक व्यवस्थित प्रणाली स्थापित करेगी, जिससे सड़कों और गलियों में अनियंत्रित कचरा फैलाव रोका जा सकेगा। कचरे के अलग-अलग संग्रहण से पुनर्चक्रण को भी बढ़ावा मिलेगा और इससे पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

शिकायत केंद्र: 60 मिनट में समाधान

खन्ना को कचरा-मुक्त बनाने के इस अभियान में स्थानीय लोगों की भागीदारी और शिकायत निवारण प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके लिए एक शिकायत केंद्र (Complaint Cell) स्थापित किया जाएगा, जो कचरे से संबंधित किसी भी समस्या पर 60 मिनट के भीतर कार्रवाई सुनिश्चित करेगा। शिकायत केंद्र के लिए एक विशेष हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा, ताकि किसी भी समय, कहीं से भी निवासी अपनी शिकायत दर्ज करा सकें और उस पर शीघ्रता से कार्यवाही हो सके।

भविष्य की योजनाएं

तरुणप्रीत सिंह सोंड ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सरकार पंजाब को कचरा-मुक्त बनाने के लक्ष्य पर काम कर रही है। खन्ना को कचरा-मुक्त शहर बनाना इसी दिशा में पहला कदम है। उन्होंने खन्ना के निवासियों से इस पायलट प्रोजेक्ट को सफल बनाने में सहयोग की अपील की, ताकि इसे पूरे पंजाब में लागू किया जा सके। यह परियोजना न केवल खन्ना को एक साफ-सुथरा शहर बनाएगी बल्कि लोगों की जागरूकता और सहभागिता को भी प्रोत्साहित करेगी।

सफाई कर्मचारियों की भूमिका और ट्रेनिंग

कचरा-मुक्त परियोजना को सफल बनाने के लिए सफाई कर्मचारियों की विशेष भूमिका होगी। परियोजना के तहत सभी सफाई कर्मचारियों को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे गीला और सूखा कचरा अलग-अलग एकत्र कर सकें। इसके अलावा, कचरे को पुनर्चक्रण केंद्र तक पहुंचाने की प्रक्रिया को भी सुगम बनाया जाएगा। इन कर्मचारियों को स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूक किया जाएगा और उन्हें उचित उपकरण प्रदान किए जाएंगे।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया और उम्मीदें

खन्ना के निवासियों ने इस पहल का स्वागत किया है और वे इस परियोजना से काफी उम्मीदें लगाए बैठे हैं। स्थानीय निवासी मानते हैं कि यह पहल शहर को साफ-सुथरा बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगी और इसका प्रभाव उनके स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक रूप से पड़ेगा। स्थानीय व्यापारियों ने भी कचरा संग्रहण शुल्क के प्रणालीबद्ध तरीके को सराहा है, जिससे शहर की सुंदरता और पर्यावरणीय स्थिति में सुधार आएगा।

इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन से खन्ना न केवल कचरा-मुक्त शहर बनेगा बल्कि अन्य शहरों के लिए एक मॉडल के रूप में स्थापित होगा। यह पहल प्लास्टिक कचरे में कमी लाने, पुनर्चक्रण को बढ़ावा देने और पर्यावरण में सुधार लाने में भी सहायक सिद्ध होगी। साथ ही, इस परियोजना के माध्यम से लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी। स्थानीय लोग अपने आस-पास के वातावरण की सफाई बनाए रखने और गीले-सूखे कचरे को अलग-अलग रखने में अधिक सतर्क होंगे।

पंजाब सरकार के इस कदम का उद्देश्य एक स्वच्छ और हरित राज्य का निर्माण करना है। खन्ना से शुरू हो रही इस परियोजना का असर पूरे पंजाब में देखने को मिलेगा। भविष्य में इस प्रकार की परियोजनाओं के माध्यम से अन्य शहरों में भी कचरा प्रबंधन को प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा। यह पहल न केवल स्वच्छता के लिए बल्कि एक स्थायी और संतुलित पर्यावरण के निर्माण के लिए भी मील का पत्थर साबित होगी।

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