जालंधर/वरुणः पंजाब के जालंधर में स्थित गांव बुट्टरां निवासी अमृतधारी सिख जपगोबिंद सिंह ने कनाडा में इतिहास रच दिया है। 16 साल की उम्र में कनाडा में ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिलता लेकिन जपगोबिंद ने सोलो पायलट का लाइसेंस हासिल कर सबको चकित कर दिया। जपगोबिंद की उपलब्धि से पंजाबी मूल के लोगों में खुशी की लहर है।
ट्रांसपोर्ट कनाडा ने जपगोबिंद सिंह को हवाई जहाज उड़ाने का लाइसेंस जारी कर दिया है। जपगोबिंद सिंह ने पायलट बनने की तैयारी कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया से शुरू की थी और कनाडा के तमाम हिस्सों में ट्रेनिंग लेने के बाद क्यूबिक में उनकी आखिरी ट्रेनिंग खत्म हुई। इसके बाद अमृतधारी सिख जपगोबिंद सिंह पायलट बन गए हैं।
जपगोबिंद सिंह मूलरूप से पंजाबी हैं लेकिन स्कूली शिक्षा कनाडा से ही हासिल की है। उन्होंने रोबोटिक्स मुकाबलों में पहला स्थान हासिल किया था। सरीह के खालसा स्कूल के विद्यार्थी जपगोबिंद सिंह को कनाडा की राजधानी के विश्विद्यालयों ने स्पेस इंजीनियरिंग के लिए स्कॉलरशिप का ऑफर भी दिया है।
कनाडा के वरिष्ठ पंजाबी लेखक गुरप्रीत सिंह सहोता ने कहा कि जपगोबिंद सिंह ने सिख कौम का सिर गर्व से ऊंचा किया है और इससे कनाडा में बसे पंजाबी व सिख कौम में काफी खुशी की लहर है, क्योंकि उसने इतिहास रच दिया है। 16 साल की उम्र में वह कर दिखाया, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।
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